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India News (इंडिया न्यूज), Armenia: अर्मेनिया में रविवार (9 जून) को हज़ारों अर्मेनियाई लोग राजधानी येरेवन में सड़कों पर उतरे और प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान द्वारा अपने कट्टर दुश्मन पड़ोसी अज़रबैजान को रियायतें दिए जाने के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन अप्रैल में शुरू हुआ था, जब काकेशस राष्ट्र की सरकार ने 1990 के दशक से अपने नियंत्रण वाले बाकू क्षेत्र को वापस सौंपने पर सहमति जताई थी। वहीं रविवार को हज़ारों प्रदर्शनकारी येरेवन के सेंट्रल रिपब्लिक स्क्वायर में सरकारी मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए। लेकिन प्रभावशाली आर्कबिशप बगरात गैलस्टैनियन द्वारा चुनौती दिए जाने के बावजूद पाशिनयान का शासन अडिग बना हुआ है।
बता दें कि, एक रैली को संबोधित करते हुए गैलस्टैनियन ने पाशिनयान को भिखारी कहा, जो अपने लोगों के अपमान की कीमत पर अज़रबैजान के साथ शांति स्थापित करना चाहता था। उन्होंने संसद से प्रधानमंत्री पर महाभियोग चलाने के लिए मंगलवार (11 जून) को एक असाधारण पूर्ण सत्र बुलाने का आग्रह किया।उन्होंने भीड़ से कहा कि लोगों की मांग पर, सांसदों को सरकार के इस्तीफ़े और एक नई सरकार के गठन के लिए मतदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार को समय से पहले संसदीय चुनाव कराने चाहिए। जिसके बाद में शाम को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की ओर मार्च निकाला।
बता दें कि, पिछले सप्ताह आर्मेनिया ने आधिकारिक तौर पर चार सीमावर्ती गांवों का नियंत्रण अज़रबैजान को वापस कर दिया। जिन पर उसने दशकों पहले कब्ज़ा कर लिया था। इस निर्णय का पशिनयान ने बाकू के साथ शांति सुनिश्चित करने के लिए एक कदम के रूप में बचाव किया है। काकेशस प्रतिद्वंद्वियों ने नागोर्नो-करबाख क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए दो युद्ध लड़े हैं। जिसे पिछले वर्ष अजरबैजान ने अर्मेनियाई अलगाववादियों से पुनः हासिल कर लिया था। जिन्होंने तीन दशकों तक इस पर्वतीय क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर अपना प्रभाव बनाए रखा था।
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