ADVERTISEMENT
होम / देश / 'निचली अदालतों के जज नहीं उठाना…', CJI चंद्रचूड़ ने ऐसा क्यों कहा?

'निचली अदालतों के जज नहीं उठाना…', CJI चंद्रचूड़ ने ऐसा क्यों कहा?

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : July 29, 2024, 4:30 am IST
ADVERTISEMENT
'निचली अदालतों के जज नहीं उठाना…', CJI चंद्रचूड़ ने ऐसा क्यों कहा?

CJI DY Chandrachud

India News (इंडिया न्यूज), CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार (28 जुलाई) को कहा कि अधीनस्थ न्यायालय के न्यायाधीश महत्वपूर्ण आपराधिक मामलों में संदेह की गुंजाइश होने पर जमानत देकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने प्रत्येक मामले की बारीकियों को देखने के लिए सामान्य ज्ञान और विवेक का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया।

निचली अदालत नहीं कर रहे ठीक से काम

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जिन लोगों को निचली अदालतों से जमानत मिलनी चाहिए, उन्हें वहां जमानत नहीं मिल रही है। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें हमेशा उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ता है। जिन लोगों को उच्च न्यायालय से जमानत मिलनी चाहिए, उन्हें जरूरी नहीं कि जमानत मिले। इस वजह से उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का रुख करना पड़ता है। यह देरी उन लोगों की समस्या को और बढ़ा देती है, जो मनमाने ढंग से गिरफ्तारियों का सामना कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश के अनुसार, ये सभी कार्य इस पूर्ण विश्वास के साथ किए जाते हैं कि न्याय बहुत धीमी गति से दिया जाता है। इसके जवाब में जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट लगातार यह बताने की कोशिश कर रहा है कि इसका एक कारण देश में संस्थाओं के प्रति अंतर्निहित अविश्वास भी है।

केंद्रीय बजट पर लोकसभा में बोलेंगे नेता प्रतिपक्ष, राहुल गांधी कर सकते ये मांग

न्याय धीमी गति से दिया जाता है

CJI ने कहा कि दुर्भाग्य से आज समस्या यह है कि हम अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा दी गई किसी भी राहत को संदेह की दृष्टि से देखते हैं। इसका मतलब यह है कि अधीनस्थ न्यायालय के न्यायाधीश महत्वपूर्ण मामलों में जमानत देकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि न्यायाधीशों को प्रत्येक मामले की बारीकियों और सूक्ष्मताओं को देखना होगा। उन्होंने कहा कि अधिकांश मामले सुप्रीम कोर्ट में नहीं आने चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम जमानत को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि पूरे देश में यह संदेश जाए कि जो लोग (न्यायिक अधिकारी) निर्णय लेने की प्रक्रिया के शुरुआती स्तर पर हैं। उन्हें यह सोचे बिना अपना कर्तव्य निभाना चाहिए कि उन्हें कोई खतरा नहीं है।

‘महाराष्ट्र में भी हो सकती है मणिपुर जैसी स्थिति…’, शरद पवार ने जताई आशंका

Tags:

CJIcji dy chandrachudDY Chandrachudindianewslatest india newsNewsindiasupreme courttoday india newsइंडिया न्यूज

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT