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रोहिंग्याओं के मुद्दे पर CJI सूर्यकांत की तीखी टिप्पणी ‘क्या हम घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछा दे?’ पढ़ें सुप्रीम कोर्ट के कमेंट

SC Rohingya Case: सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत पर अवैध रूप से आए लोगों को अपने देश में रखने का कोई दायित्व नहीं है. सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट किया कि रोहिंग्याओं को किसी प्रकार का कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं है, इसलिए उन्हें 'रेड कार्पेट' नहीं दिया जा सकता.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: 2025-12-02 14:32:02

SC Rohingya Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोहिंग्या समुदाय से जुड़ी एक सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और पिटीशनर दोनों से तीखे सवाल पूछे. कोर्ट ने साफ किया कि रोहिंग्या के अधिकारों पर उनकी कानूनी स्थिति तय किए बिना बात नहीं की जा सकती और यह भी पूछा कि क्या भारत सरकार ने कभी उन्हें शरणार्थी घोषित किया है. CJI ने तीखे सवाल किए, “क्या हमें घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछा देना चाहिए?”

घुसपैठ करके घुसना और फिर अधिकार मांगना? – CJI

इस पर, CJI ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “पहले आप गैर-कानूनी तरीके से घुसते हैं. आप सुरंग खोदकर या बाड़ काटकर भारत में घुसते हैं. फिर आप कहते हैं, ‘अब जब मैं आ गया हूं, तो भारतीय कानून मुझ पर लागू होने चाहिए, और मुझे खाना, रहने की जगह और अपने बच्चों के लिए पढ़ाई मिलनी चाहिए.’ क्या हम कानून को इस तरह खींचना चाहते हैं?” उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पहले से ही लाखों गरीब नागरिक हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. 

क्या केंद्र के पास उन्हें रिफ्यूजी घोषित करने का कोई ऑर्डर है? – CJI

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई की शुरुआत में, चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार की तरफ से कोई ऑफिशियल नोटिफिकेशन न होने का हवाला देते हुए पूछा, “भारत सरकार के पास ऐसा कौन सा ऑर्डर है जो उन्हें ‘रिफ्यूजी’ घोषित करता है? ‘रिफ्यूजी’ एक कानूनी तौर पर तय शब्द है. अगर कोई गैर-कानूनी तरीके से आता है, तो क्या उसे यहीं रखना हमारी जिम्मेदारी है’ बेंच ने पूछा, ‘अगर किसी के पास लीगल स्टेटस नहीं है और वह घुसपैठिया है, तो क्या उसे यहीं रखना हमारी जिम्मेदारी है?’ बेंच ने आगे पूछा, “अगर उनके पास भारत में रहने का कानूनी अधिकार नहीं है और वे घुसपैठिए हैं, तो क्या हमें उत्तर भारत के बहुत सेंसिटिव बॉर्डर पर आने वाले किसी भी घुसपैठिए का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत करना चाहिए?” पिटीशनर के वकील ने साफ किया कि वे रोहिंग्याओं के लिए रिफ्यूजी स्टेटस नहीं मांग रहे हैं, बल्कि बस इतना चाहते हैं कि कोई भी डिपोर्टेशन प्रोसेस कानून के हिसाब से हो.’

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