Supreme Court of India: जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में भारत के 53वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ली. उन्होंने हिंदी में, भगवान के नाम पर शपथ ली. वे करीब 15 महीने तक काम करेंगे और 9 फरवरी, 2027 को पद छोड़ देंगे. अपने पहले दिन, CJI ने अर्जेंट मेंशन पर अपनी स्थिति साफ कर दी. उन्होंने कहा कि किसी केस को मेंशन करने और उसी दिन उसे लिस्ट करवाने का तरीका सभी मामलों के लिए जारी नहीं रह सकता.
CJI सूर्यकांत ने कहा कि सिर्फ मौत की सजा के मामले, बेल और अर्जेंट लिबर्टी के मामलों पर ही विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बाकी सभी मामलों के लिए, वकीलों को मेंशनिंग स्लिप पहले से भेजनी होंगी और प्रोसीजर को फॉलो करना होगा.
उच्च पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुआ शपथ समारोह
इससे पहले सुबह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए. शपथ के तुरंत बाद, जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और महात्मा गांधी और डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्तियों पर फूल चढ़ाए. इसके बाद उन्होंने कोर्ट नंबर 1 का चार्ज संभाला और जस्टिस बागची और जस्टिस एएस चंदुरकर के साथ केस की सुनवाई शुरू की.
कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) के प्रेसिडेंट विपिन नायर समेत कई वकीलों ने उन्हें बधाई दी. जस्टिस सूर्यकांत ने उनका शुक्रिया अदा किया और बताया कि चंडीगढ़ से कई वकील मौजूद थे. बेंच ने कई मेंशन से मना कर दिया और वकीलों से नियमों का पालन करने को कहा.
कोर्ट में मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामलों पर CJI का स्पष्ट रुख
मणिपुर में कथित फर्जी मुठभेड़ों के पीड़ितों के परिवारों ने आज कोर्ट में मांग की कि जांच कोर्ट की निगरानी में हो. इस पर CJI ने कहा कि जांच पहले से जारी है और कोर्ट ने सिर्फ NIA से इसका स्टेटस बताने के लिए नोटिस भेजा है.
जस्टिस जे.के. माहेश्वरी को अब सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज़ कमेटी का चेयरपर्सन अपॉइंट किया गया है, यह पद पहले खुद सूर्यकांत के पास था. जस्टिस विक्रम नाथ को नेशनल लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी का एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन नॉमिनेट किया गया है.