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India News (इंडिया न्यूज), UCC Implemented In Uttarakhand: उत्तराखंड में (27 जनवरी, 2025) सोमवार से बहुचर्चित कानून समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इसकी जानकारी दी है। सीएम धामी ने कहा कि, सोमवार से राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गया और इसके साथ ही यह भारत का पहला राज्य बन गया जहां यह कानून प्रभावी होगा। यूसीसी लागू होते ही कई चीजें बदल जाएंगी, जिसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। आपको बता दें कि, अब शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। हर ग्राम सभा स्तर पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी होगी।
किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय के व्यक्ति के लिए तलाक का एक समान कानून होगा। अभी देश में हर धर्म के लोग अपने पर्सनल लॉ के जरिए इन मामलों को सुलझाते हैं। इसके अलावा राज्य में बहुविवाह पर रोक लगेगी। लड़कियों की शादी की उम्र चाहे वह किसी भी जाति या धर्म की हो, एक ही होगी। यानी लड़की की शादी की उम्र 18 साल होगी। यूसीसी लागू होने के बाद सभी धर्मों को बच्चे गोद लेने का अधिकार मिलेगा। हालांकि, दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा। इसके अलावा, उत्तराखंड में हलाला जैसी प्रथाएं भी खत्म हो जाएंगी। लड़कियों को लड़कों के बराबर विरासत में हिस्सा मिलेगा।
तो वहीं, कपल को लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर कराना अनिवार्य होगा। अगर दंपत्ति की उम्र 18 से 21 साल के बीच है तो उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान अपने माता-पिता का सहमति पत्र भी जमा कराना होगा। इसके अलावा, लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे को भी शादीशुदा दंपत्ति के बच्चे के समान अधिकार मिलेंगे। अनुसूचित जनजातियों को समान नागरिक संहिता के नियम-कायदों से पूरी तरह बाहर रखा गया है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर और पूजा-पाठ और परंपराओं जैसे धार्मिक मामलों में कोई दखलंदाजी नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार शाम यहां जारी बयान में कहा, ‘समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिसमें अधिनियम के नियमों का अनुमोदन और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है।’ उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता समाज में एकरूपता लाएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित करेगी। धामी ने कहा, ‘समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को विकसित, संगठित, सामंजस्यपूर्ण और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महायज्ञ में हमारे राज्य द्वारा डाली गई एक आहुति मात्र है।
समान नागरिक संहिता के तहत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।’
यूसीसी एक्ट लागू होने के बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने इसके क्रियान्वयन के नियम तैयार किए थे, जिन्हें हाल ही में राज्य कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है। सोमवार को यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड ऐसा करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया। असम समेत देश के कई राज्यों ने उत्तराखंड के यूसीसी एक्ट को मॉडल के तौर पर अपनाने की इच्छा जताई है। उत्तराखंड यूसीसी विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, सहवास और अन्य संबंधित विषयों को नियंत्रित और विनियमित करेगा।
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