India News(इंडिया न्यूज), BJP in UP: इन दिनों उत्तर प्रदेश में बीजेपी में कुछ ठीक नहीं चल रहा। खटास की महक राजनीतिक गलियारों में तेजी से फैल रही है। इसकी चर्चा जोरों पर है कि क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी जाने को है। डोलती सीएम पद को योगी स्थिर करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि उन्होनें साफ कर दिया था कि किसी भी अधिकारी की लापरवाही को माफ नहीं किया जाएगा। ऐसे में अब एक BJP की सहयोगी पार्टी के विधायक की ओर से बड़ा दावा किया गया है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) सेउत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले की शोहरतगढ़ से विधायक विनय वर्मा ने इस्तीफे की धमकी भी दी है।
साथ ही ये भी बताया है कि प्रदेश में कौन योगी को धोखा दे रहा है। राजनीतिक उथल पुथल के बीच विनय वर्मा ने अधिकारियों पर बहुत बड़ा और संगीन आरोप लगाया है और कहा है कि सीएम योगी के अधिकारी योगी को ही गुमराह कर रहे हैं इतना ही नहीं वो सीएम से झूठ बोल रहे हैं। आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी विधायकों का अपमान कर रहे हैं। विधायकों की किसी भी बात का उन पर कोई असर नहीं हो रहा असल में कोई हमारी सुन नहीं रहा है।
विधायक विनय का आरोप है कि जिले के थाने को बेचा जा रहा है, अधिकारी भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबे हुए हैं। विधायक की मानें तो जनता की कोई सुनवाई अधिकारी नहीं कर रहे। CM को वापस अपने MP वाले अवतार को अख्तियार करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो अधिकारी का बंटाधार हो जाएगा।
विधायक की मानें तो सब झूठ बोल रहे हैं। विधायक ने झूठे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में ‘कप्तान और IG से लेकर प्रमुख सचिव तक सब झूठे हैं, कोई काम नहीं करते हैं। दलितों पर हो रहे अत्याचार पर भी बात करते हुए कहा है कि उनके मामलों में सुनवाई नहीं हो रही, इस मामले में CM से भी अधिकारी झूठ बोल रहे है। दलित मायाराम का जिक्र करते हुए विधायक जी लिखते हैं उनको इंसाफ दिलाने की वो कोशिश तीन महीने से कर रहे हैं लेकिन मजाल है जो एक भी स्टेप अधिकारी की तरफ से उठाया गया है।
अपने आरोप की झड़ी लगाते हुए विधायक ने विनय वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसमें वो आगे लिखते हैं कि ‘शोहरतगढ़ क्षेत्र में पिछले दिनों अवैध बालू खनन के बीच में थाना डेबरूजा के प्रधान की संलिप्तता एवं संरक्षक में होने वाली बालू, खनन में शामिल मायाराम ट्रैक्टर चालक की ट्रैक्टर पलटने व आग लगने के कारण मृत्यु हो गयी थी। मायाराम की कथित मृत्यु से दुखी उसके परिवार के लोगों के अनुरोध पर थानाध्यक्ष देबरुआ, उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ और खनन अधिकारियों के द्वारा खुलासा करने में कोई रूचि न लेकर घटना की लीपापोती में लगे होने के कारण उन सभी लोगो के अनुरोध पर मैने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर को कई पत्र लिखे, लेकिन कोई घटना में शामिल दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई’।
इस केस से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अवगत कराया गया था। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से कहा गया था कि आप पता करके बताइए कि जेल गए कि नहीं, और मुझे अवगत कराये।
आपको बता दें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी के नतीजे बीजेपी के लिए किसी झटके से कम नहीं थे। इस हार की एक रिपोर्ट भी पीएम मोदी और नड्डा को सौंपी गई थी। जिसमें यूपी में अधिकारियों की तरफ से लापरवाही और भ्रष्टाचार को भी वोट प्रतिशत घटने की वजह बताई गई थी। तब से ही योगी अपने पुराने अवतार में आ गए।
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