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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Common University Entrance Test: अब स्टूडेंटों को यूनिवर्सिटियों में दाखिला लेने के लिए भटकने की जरूरत नहीं। ना ही अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम देने की जरूरत है। क्योंकि अब देश की सभी 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अडंरग्रेजुएट कोर्स में दाखिला लेने के लिए सिर्फ एक ही कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) देना पड़ेगा। साथ ही इससे दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में 12वीं के अंकों पर आधारित कट-आफ की भूमिका भी समाप्त हो जाएगी। तो आइए जानते हैं सीयूईटी क्या। कैसे होगा सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में दाखिला। कैसे डीयू में दाखिला के लिए 12वीं के अंकों की भूमिका होगी समाप्त।
बता दें सीयूईटी को नई शिक्षा नीति के तहत लाया गया है, जो यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए एक ही टेस्ट की वकालत करती है। अब देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला के लिए स्टूडेंटों को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) देना होगा। बता दें कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) ने अभी हाल ही में प्रस्तावित सीयूईटी को लेकर पब्लिक नोटिस जारी कर दिया। अब सीयूईटी के तहत सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन का ये नियम 2022-23 एकेडमिक सेशन से ही लागू हो जाएगा। न केवल सेंट्रल यूनिवर्सिटीज बल्कि स्टेट, प्राइवेट और डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटीज भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को अपना सकती हैं।
यूजीसी अनुसार कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) 90 मिनट का कंप्यूटर आधारित मल्टिपल चॉइस टेस्ट होगा। इस टेस्ट में पूछे जाने वाले प्रश्न एनसीईआरटी किताबों पर आधारित होंगे। सीयूईटी में तीन हिस्से होंगे। सीयूईटी के टेस्ट 13 भाषाओं- हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, उड़िया और अंग्रेजी में होंगे।
टेस्ट का पहला भाग: इसमें स्टूडेंट की पसंद वाली भाषा का टेस्ट होगा। इसमें रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, शब्दावली पर प्रश्न, समानार्थक शब्द और विलोम शब्द जैसी चीजें शामिल होंगी। इसमें 13 भाषाओं का विकल्प होगा। इन 13 भाषाओं में से एक भाषा परीक्षा में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के अलावा, कैंडिडेट के पास 19 अन्य भाषाओं में से एक अतिरिक्त भाषा में एक और परीक्षा देने का विकल्प भी होगा। इन 19 भाषाओं में – फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, नेपाली, फारसी, इतालवी, अरबी, सिंधी, कश्मीरी, कोंकणी, बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संथाली, तिब्बती, जापानी, रूसी और चीनी शामिल हैं।
सीयूईटी का दूसरा भाग: उम्मीदवार के विषय संबंधी नॉलेज के टेस्ट पर केंद्रित होगा। इस हिस्से में कुल 27 विषयों को शामिल किया गया है, जिनमें से स्टूडेंट अपने नॉलेज के हिसाब से कम से कम एक और अधिकतम छह विषय चुन सकता है। सीयूईटी के दूसरे भाग में इन 27 विषयों को शामिल किया गया।
एंट्रेंस टेस्ट का तीसरा भाग: जनरल नॉलेज, करंट अफेयर्स, जनलर मेंटल एबिलिटी,न्यूमेरिकल एबिलिटी,क्वांटेटिव रीजनिंग (सिंपल एप्लीकेशन आॅफ बेसिक मैथमेटिकल कॉन्सेप्ट्स /अर्थमेटिक/ अलजेबरा ज्योमेट्री/मेंसुरेशन/स्टैट कक्षा 8 तक पढ़ाए जाने वाले), लॉजिकल और एनालिटिकल रीजनिंग पर आधारित एक सामान्य परीक्षा होगी। किसी कैंडिडेट को सामान्य परीक्षा तभी देनी होगी, अगर उसके कोर्स और चुनी हुई यूनिवर्सिटी के लिए ये जरूरी है।
अभी सीयूईटी को केवल सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के लिए अनिवार्य किया गया है, लेकिन सरकार ने प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और डीम्ड यूनिवर्सिटीज के लिए भी सीयूईटी के जरिए एडमिशन कराने का रास्ता खुला रखा है।
आल इंडिया सर्वे आफ हायर एजुकेशन मुताबिक, 2019-20 में देश में हायर एजुकेशन में 3.85 करोड़ छात्र भर्ती थे। इनमें 79.5 फीसदी या करीब 3.06 करोड़ छात्र अंडरग्रेजुएट थे और 11.2 फीसदी या 43.1 लाख पोस्टग्रेजुएट छात्र थे।
देश में हर साल करीब एक करोड़ स्टूडेंट अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए आवेदन करते हैं। 2021 में अकेले सीबीएससी बोर्ड के ही 12.96 लाख छात्र 12वीं पास हुए थे।
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट से यूनिवर्सिटी की वर्तमान आरक्षण नीति पर असर नहीं पड़ेगा। यूनिवर्सिटीज सीयूईटी स्कोर के आधार पर जनरल और आरक्षित सीटों पर एडमिशन कर पाएंगी।
अंडर-ग्रेजुएट कोर्सेज की तरह सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के लिए पोस्ट-गेजुएट (पीजी) कोर्सेज के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के जरिए एडमिशन करना अनिवार्य नहीं होगा। इसका मतलब है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटीज पीजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए सीयूईटी को अपनाने, या अपनी खुद की एडमिशन प्रॉसेस को बनाए रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
2019-20 के डेटा मुताबिक, देश की 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के कुल 7.20 लाख स्टूडेंटों में से 5.40 लाख अंडरग्रेजुएट छात्र और 1.24 लाख पीजी स्टूडेंट थे। वहीं स्टेट यूनिवर्सिटीज में 13.97 लाख अंडरग्रेजुएट और प्राइवेट स्टेट यूनिवर्सिटीज में 8.4 लाख अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट थे। देश में 2019-20 में हायर एजुकेशन के कुल 2.71 लाख स्टूडेंट थे, जिनमें 1.31 करोड़ पुरुष और 1.40 करोड़ महिलाएं थीं।
अब मोदी सरकार की ओर से लाया गया सीयूईटी नया विचार नहीं है। 2010 में ही यूपीए-2 के शासन में मनमोहन सिंह सरकार सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूसीईटी लेकर आई थी। कांग्रेस सरकार की सीयूसीईटी की योजना परवान नहीं चढ़ सकी, क्योंकि पिछले साल तक देश की केवल 14 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज ने ही इस एंट्रेंस टेस्ट को अपनाया था। मोदी सरकार का सीयूईटी कांग्रेस सरकार के सीयूसीईटी का नया वर्जन है, लेकिन इन दोनों में बड़ा फर्क ये है कि अब देश की सभी 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के लिए सीयूईटी को अपनाना अनिवार्य है।
Common University Entrance Test
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