संबंधित खबरें
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
समुद्र में चल रहा था भारतीय नौसेना का युद्ध अभ्यास, नाविकों ने बिना अनुमति किया ये काम, फिर मिली ऐसा सजा…नहीं भूल पाएंगी सात पुश्तें
इंडिया न्यूज, मोहाली:
श्री आनंदपुर साहिब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ की सीनेट के चुनाव को चौथी बार निलंबित किए जाने की निंदा की है। जिन्होंने इस कदम को देश के लोकतांत्रिक ढांचे और शिक्षा में सुधारों की सोच के विरुद्ध बताया है। यहां जारी एक बयान में, सांसद तिवारी, जो खुद भी यूनिवर्सिटी के एलुमनाई की सदस्य हैं, ने इस कदम को पंजाब यूनिवर्सिटी जैसी महान संस्था से एलुमनाई को दूर करने की कोशिश बताया है। उन्होंने कहा कि साल 1882 में यूनिवर्सिटी आॅफ पंजाब के रूप में लाहौर (अब पाकिस्तान) में स्थापित की गई इस महान संस्था का देश की चौथी सबसे बड़ी शिक्षण संस्था के रूप में महान इतिहास है। जिसे 1947 में देश की आजादी के बाद नए स्थापित शहर चंडीगढ़ में पुन: गठित किया और पंजाब के 6 जिलों से करीब 188 कॉलेज इससे मान्यता प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी की आखिरी सीनेट का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2020 और सिंडीकेट का कार्यकाल 31 दिसंबर 2020 था जिसके बाद से यूनिवर्सिटी बीते करीब 1 साल से बिना गवर्निंग बॉडी के चल रही है। जिनके चुनाव को कोरोना महामारी के नाम पर निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं और यूनिवर्सिटी के कुलपति व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की लोकतांत्रिक आत्मा को बचाने की अपील की है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.