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इंडिया न्यूज, अंबाला:
(Conflict In Many States In Congress) पंजाब में कांग्रेसियों ने चुनाव से ठीक पांच महीने पहले ही रंग दिखाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का ऐसा ही रंग नौ राज्यों में देखने को मिल सकता है। चार दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के 40 विधायकों ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कैप्टन पर कार्रवाई की मांग की थी। जिसका असर आज कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफे के रूप में दिखा। अगले दो साल में कुल 16 राज्यों में चुनाव हैं। इनमें से पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत पांच प्रमुख राज्यों में कांग्रेस अंदरूनी झगड़े का शिकार है। 10 राज्यों में 500 से ज्यादा पदों पर पदाधिकारी नियुक्त होने हैं। बिना पदाधिकारियों के कांग्रेस अपने वर्चस्व को कैसे कायम रख पाएगी, यह भी एक सवाल है। आईये शुरुआत करते हैं पंजाब से पिछले चुनाव में कुल 117 सीटों में से भाजपा ने सिर्फ 23 पर चुनाव लड़ा था और 3 सीटों पर जीती थी। पार्टी में प्रदेश के सभी 29 पदाधिकारियों के पद भरे। पार्टी का दावा है कि 200 नए पदाधिकारी बनाए गए हैं।
दूसरा राज्य है राजस्थान। यहां चुनाव दिसंबर 2023 में हैं और कांग्रेस में जमीन पर काम करने वाले कार्यकतार्ओं की समितियां भी नहीं हैं। भाजपा अगले चुनाव की तैयारी में लगी है। उसके पास 26 मुख्य पदाधिकारी हैं, 93 प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और 50 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं, यानी 170 से ज्यादा की लोगों की जमी-जमाई टीम है। इसके अलावा हाल ही में जिला, मंडल, मोर्चे, प्रकोष्ठ में नई भर्तियां की गई हैं। इनमें युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, किसान मोर्चा में अध्यक्ष और पूरी कार्यकारिणी बनाकर अगले चुनाव की तैयारी की जा रही है।
तीसरे नंबर पर आता है मध्य प्रदेश। यहां भाजपा ने अपने 59 मुख्य पदाधिकारियों के साथ 180 से ज्?यादा की टीम का नाम-पता-संपर्क वेबसाइट पर शेयर कर रखा है। हमने तीन नंबर पर फोन किया तो फोन उन्हीं लोगों ने उठाया, जिनके नाम के सामने नंबर लिखे थे। पिछले चुनाव में भाजपा को मात देने और बाद में फूट के चलते सरकार खोने वाली पार्टी कांग्रेस में आखिरी बार 7 जुलाई 2018 को तब के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 84 पदाधिकारी नियुक्त किए थे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद अब इनमें से कई पदाधिकारी पार्टी बदल चुके हैं।
चौथा राज्य है पीएम का गढ़ गुजरात। चुनाव दिसंबर 2022 में भाजपा ने मंत्रिमंडल बदल डाला और यह 160 पदाधिकारियों का संगठन और वहीं कांग्रेस में सिर्फ 3 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए। चुनाव से 15 महीने पहले इखढ ने उट बदलकर भूपेंद्र पटेल को कमान थमाई है। संगठन के तौर पर पार्टी में 160 लोगों की मुख्य कार्यकारिणी है। इसमें 40 मुख्य प्रदेश पदाधिकारी, 80 प्रदेश कार्य समिति सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। इसके अलावा 100 से ज्यादा जिला और मंडल स्तर के पद भी भरे हुए हैं।
पांचवां और अंतिम चुनावी राज्य है छत्तीसगढ़। भाजपा ने डेढ़ साल पहले चुनाव कर के सभी 81 सदस्य चुने लिए थे, कोई पद खाली नहीं है। हाल ही में एक सभा में प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी देवी ने कहा कि अगर इखढ कार्यकर्ता पलट कर थूक दें तो बघेल की सरकार बह जाएगी। दोनों ओर से चुनावी मोड आॅन हो गया है। पिछले चुनाव में कुल 90 सीटों में से कांग्रेस ने 67 और इखढ ने 15 सीटें जीती थीं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में 40 सदस्यों वाली कार्यकारिणी है। सभी नियुक्तियां मार्च 2020 की हैं, लेकिन अगस्त में पार्टी में उट बदलने की चर्चा के जोर पकड़ने के बाद भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव को दिल्ली तलब किया गया था, तब जाकर मामला सुलझा, लेकिन महीने भर बाद ही अब फिर से आपसी लड़ाई पर बैठक चल रही ह
छठा उत्तर प्रदेश और सातवां उत्तराखंड। संगठन में एक भी पद खाली नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कार्यालय संपर्क प्रभारी तक सभी कुल 172 पद भरे हैं। सभी जिलाध्यक्षों की फोटो, मोबाइल नंबर, ईमेल कऊ के साथ वढ भाजपा की वेबसाइट अपडेट है। हमने उन्हीं में से कुछ रैंडम नंबर्स चुने और कॉल किया, वो नंबर्स आन थे, उन्हीं पदाधिकारियों ने उठाए, जिनका नाम वेबसाइट पर दिख रहा था। कांग्रेस में अब वेबसाइट की व्यवस्था नहीं है। 24 अकबर रोड कांग्रेस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी यानी BJP में कुल 114 सदस्य हैं। इनमें से ज्यादातर को प्रियंका गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के वक्त चुना था।
हां, 2020 में भी कुछ भर्तियां हुई हैं। दूसरी ओर उत्तराखंड भाजपा की वेबसाइट पर 34 प्रदेश पदाधिकारियों की सूची दी गई है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष से लेकर किसान मोर्चा, महिला मोर्चा और अनुसूचित जाति मोर्चे तक पदाधिकारी तैनात हैं। उनसे संपर्क करने की जानकारी भी मौजूद है। 3 जुलाई को उट बदलकर इखढ चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। जबकि कांग्रेस प्रदेश की नई कार्यकारिणी का चुनाव तक नहीं करा पाई है। पुरानी कार्यकारिणी में 150 से ज्यादा लोग थे। उन्हें अभी यही स्पष्ट नहीं है कि वो पद पर बने हुए हैं या नहीं। चुनाव की खातिर एक नई टीम बनी है, लेकिन पार्टी हरीश रावत और प्रीतम सिंह के दो खेमों में बंटी हुई है।
आठवां गोवा: चुनाव फरवरी 2022 में, इखढ के 142 पदाधिकारी मोर्चे पर तैनात, 200 से ज्यादा नए पदाधिकारी भी भर्ती किए, कांग्रेस ने बस चिदंबरम को भेजकर सुध ली है गोवा भाजपा चुनावी मोड में है। प्रदेश कार्यकारिणी में 142 पदाधिकारियों के मोर्चे पर तैनात होने के बावजूद 200 से ज्यादा महिला और युवा पदाधिकारी चुने गए हैं। जबकि कांग्रेस का संगठन बीते 4 साल में बिखर चुका है। फिलहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कितने लोग हैं, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।
नौवां हिमाचल प्रदेश: चुनाव दिसंबर 2022 में, इखढ ने उट को दिल्ली तलब करके हिसाब लिया, कांग्रेस हमलावर। भाजपा ने गुजरात में उट बदलने के बाद हिमाचल के उट जयराम ठाकुर को दिल्ली तलब किया था। इखढ की हिमाचल प्रदेश की आॅफिशियल वेबसाइट अभी चल नहीं रही है। कार्यालयों से मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में 34 पदाधिकारी हैं। इसके अलावा जिला, मंडल, मोर्चा, अलग-अलग प्रकोष्ठ और स्थाई आमंत्रित सदस्यों को मिलाकर 225 लोगों से ज्यादा की टीम काम कर रही है।
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