India News (इंडिया न्यूज़),Arun Goyal Resignation: लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के पद छोड़ने का कारण स्पष्ट नहीं है। इस बीच अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं और इसके तीन कारण बताए हैं। दरअसल, अरुण गोयल का कार्यकाल अभी 3 साल बाकी था। उनका कार्यकाल 2027 में खत्म हो जाता। माना जा रहा था कि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद अरुण गोयल अगले साल फरवरी में सीईसी बन सकते हैं।
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि पिछले आठ महीने से भारत गठबंधन की पार्टियां चुनाव आयोग से समय मांग रही हैं। हमने VVPAT इसलिए किया क्योंकि हमारे देश में ईवीएम का मतलब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मैनिपुलेशन है। चुनाव आयोग हमें समय नहीं दे रहा है और मिलने से इनकार कर रहा है। एक निष्पक्ष और संवैधानिक संस्था समय देने से इनकार कर रही है। यह संस्था निष्पक्ष होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, कल अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया और तीन कारण मेरे दिमाग में आए कि क्या उनके और मुख्य चुनाव आयुक्त के बीच मतभेद हैं? क्या उनके और मोदी सरकार के बीच कुछ मतभेद हो गए हैं।।। मेरे मन में यह भी आया कि अभी कोलकाता हाई कोर्ट के जज इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए हैं, क्या उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए भी इस्तीफा दिया है। अगले कुछ दिनों में स्पष्टीकरण आएगा, लेकिन मेरे मन में ये सवाल उठे हैं। दोनों प्रश्न हमारे लोकतंत्र को कमजोर करते हैं। यह लोकतंत्र पर हमला है।
अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे, लेकिन उन्होंने साल 2022 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इसके एक दिन बाद उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त का एक पद पहले से ही खाली था। चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे इसी साल फरवरी में रिटायर हो गए। अरुण गोयल के भी इस्तीफा देने के बाद अब तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं।
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