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India News (इंडिया न्यूज़), Congress, दिल्ली: भारतीय राजनीति में एक समय था जब कांग्रेस का BDM फार्मूला चलता था। BDM मतलब ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम। लेकिन सबसे पहले कांग्रेस का दलित वोट बैंक उससे खिसका खासकर यूपी में बीएसपी के उभार के साथ है। इसके (Congress) बाद राम मंदिर, कश्मीरी पंडित के पलायन सहित कई मुद्दों पर ब्राह्मण वोट भी कांग्रेस से अलग होता गया। साल 2014 तक मुस्लिम लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को एकतरफा वोट देता रहा। लेकिन अब मुस्लिम भी कांग्रेस से दूर होते जा रहे है।
पिछले कुछ सालों औवेसी की AIMIM, असम की AIUDF, सहित कई मुस्लिम वोटों के दावेदारों के मैदान में आने से कांग्रेस का मुस्लिम वोट बैंक भी उससे दूर होता जा रहा है। अब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (Congress) अल्पसंख्यक और पिछड़े समुदायों के सदस्यों को अपने पाले में लाने के लिए लगातार काम कर रही है और अपनी पारंपरिक पार्टी को वापस लाने के लिए चाय स्टाल बैठकों और दलित-मुस्लिम ‘सम्मेलनों’ सहित कई आउटरीच कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
पार्टी उत्तर प्रदेश में अभियान 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले शुरू हो रहे हैं। राज्य में कांग्रेस हाशिए पर सिमट कर रह गई है। पिछले साल उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में पार्टी सिर्फ दो सीटें जीत सकी थी वही राज्य में पार्टी के समय एक सिर्फ एक लोकसभा की सीट है। रायबरेली की सीट से सोनिया गांधी सांसद है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष पीएल पुनिया ने दावा किया कि इन अभियानों से प्रतिक्रिया यह है कि अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के एक बड़े वर्ग को लगता है कि वर्तमान (भाजपा) सरकार को जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस में अल्पसंख्यक विभाग के प्रभारी शाहनवाज आलम ने कहा कि इस साल मई में, 3,000 मुस्लिम बहुल गांवों में 10 दिवसीय विशेष अभियान ‘आप की पार्टी आप के गांव’ आयोजित किया गया था, जहां छोटी बैठकें आयोजित की गईं और हर गांव में 10 घरों पर पार्टी के झंडे लगाए गए। हमने 3,000 चाय की दुकानों को कवर किया और दलितों को बताया कि मुस्लिम अपने मूल घर (कांग्रेस) वापस लौट रहे हैं।
शाहनवाज ने कहा कि 1-8 अगस्त तक भी अभियान चलाया जाएगा और 14 अप्रैल को रमजान के मौके पर सभी जिलों में “दलित-मुस्लिम एकता इफ्तार” का आयोजन किया गया। हम अपने कार्यक्रमों के बारे में सीधे कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को रिपोर्ट कर रहे हैं और फीडबैक और निर्देश भी प्राप्त कर रहे हैं।
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