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सोशल मीडिया (Social Media) सहित पूरे विश्व में सबसे बड़ी खबर यह बनी हुई है कि मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) आखिर फेसबुक (Facebook) का नाम क्यों बदलने वाले हैं, कब बदलेंगे, क्या कारण है और फेसबुक का नया नाम क्या होगा और इसकी घोषणा कब होगी। आइए हम आपको बताते हैं कि फेसबुक और विवादों का आपस में बहुत गहरा रिश्ता रहा है। इन्हीं में से कुछ विवाद इस प्रकार हैं।
New Name of Facebook फेसबुक का नया नाम क्या होगा?
फेसबुक के जो विवाद सबसे ज्यादा चर्चा में रहे उनमें से सबसे प्रमुख था फेसबुक द्वारा यूजर्स के डाटा लीक करने का मामला। एक बार तो हैकर्स ने फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग के फोन नंबर और पर्सनल डाटा को भी सार्वजनिक कर दिया था। तब खबर यह फैली थी कि फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले दुनियाभर के 100 देशों के करीब 53 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेटा आॅनलाइन लीक हुआ। एक ही दिन में 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के फोन नंबर और निजी डाटा को हैकर्स ने सार्वजनिक कर दिया है। जिन यूजर्स का डाटा लीक हुआ उसमें 60 लाख भारतीयों का डाटा भी शामिल बताया गया था। फेसबुक यूजर्स की पर्सनल जानकारी और फोन नंबर को सार्वजनिक किए जाने के बाद इसकी सुरक्षा पर एक बार फिर से प्रश्नचिह्न लग गया था। हैकर्स ने 106 देशों के यूजर्स का डाटा सार्वजनिक किया था। फेसबुक ने इस मामले पर सफाई दी थी और कहा था की डेटा लीक हुआ है। इसके साथ ही यह भी कहा था कि लीक डाटा 2019 से पहले का था। इसके साथ ही ये भी कहा है कि डाटा लीक होने के बाद सबकुछ ठीक कर दिया गया था।
Meaning of Metaverse in Hindi मेटावर्स का मतलब क्या है?
फेसबुक डेटा लीक होने को लेकर अक्सर विवाद होते रहे हैं। एक बार ब्रिटेन की कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर 5.62 लाख भारतीय का फेसबुक डेटा चोरी करने का आरोप लगा था। कैंब्रिज एनालिटिका राजनीतिक परामर्श देने का काम करने वाली कंपनी है। इसको लेकर सीबीआई ने कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ केस भी दर्ज किया था।
डेटा लीक मामले में जब पूरी तहर से मार्क जुकरबर्ग घिर गए थे तो समझा जा रहा था कि अब फेसबुक परेशानी में आ जाएगी। वह चारों तरफ से दबाव में थे। कहा जा रहा था कि वे फेसबुक के चेयरमैन पद छोड़ देंगे। इसके बाद मार्क जुकरबर्ग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि वे फेसबुक के चेयरमैन का पद नहीं छोड़ेंगे। चेयरमैन का पद छोड़ने संबंधी पूछे जा रहे सवालों का जवाब देते हुए जुकरबर्ग का कहना था कि ऐसी बातों का फिलहाल कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कंपनी की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग (49) की तारीफ भी की।
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फेसबुक के विवादों की वजह से कंपनी की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग के इस्तीफे की अटकलें भी लगाई जा रही थीं। लेकिन, जुकरबर्ग ने शेरिल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि शेरिल फेसबुक के लिए अहम हैं। वो कई बड़े मामलों को डील कर रही हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अगले कई दशक तक साथ काम करते रहेंगे।
फेसबुक के साथ जुड़ा एक अन्य विवाद है मार्क जुकरबर्ग और एलन मस्क का विवाद। एलन मस्क द्वारा फेसबुक छोड़ने पर विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया था कि एक बार तो यह सूचना आई थी की एलन मस्क फेसबुक को खरीदने की तैयारी में हैं और वे फेसबुक को खरीदकर इसे हमेशा के लिए डिलीट कर देंगे। हालांकि इसके बाद एलन मस्क ने कहा था कि वे ऐसा कोई प्लान नहीं बना रहे। इसपर एलन ने लिखा था कि ये कोई राजनीतिक बयान नहीं हैं। मैं फेसबुक छोड़ रहा हूं। बस मुझे फेसबुक पसंद नहीं है, सॉरी।
पूरे विश्व में कई सौ करोड़ लोग फेसबुक का प्रयोग करते हैं। वहीं फेसबुक पर लोगों की जासूसी करने के आरोप भी लगे थे। माहिरों का कहना था कि फेसबुक के कई ऐप ऐसे हैं जिसे यूजर्स अनजाने में प्रयोग करता है लेकिन उन ऐप के माध्यम से उनकी जासूसी की जाती है। उनका कहना था कि यूजर्स कब और कहां घूम रहे हैं, फेसबुक हर चीज रिकॉर्ड करता है। विशेषज्ञों का कहना था कि फेसबुक लोकेशन हिस्ट्री के चलते सारा डाटा एकत्रित रखता है जो इस तरह से काम करता है। लोकेशन हिस्ट्री एक कॉन्ट्रोवर्शियल डेली लॉग है, जहां आप ऐप्स द्वारा लॉग इन किए गए हैं। डाटा एक डिजिटल मैप पर स्टोर किया जाता है। जिसे आपकी सेटिंग के माध्यम से देखा जा सकता है। यह दिखाता है कि आप कहां घूम रहे हैं।
फेसबुक का रंग:
सोचने की बात है कि आखिर जुकरबर्ग ने फेसबुक का रंग नीला ही क्यों सिलेक्ट किया। जानकारों का कहना है कि फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग सबसे ठीक तरह से नीला रंग ही देख सकते हैं। मार्क जुकरबर्ग को रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस है। एक रशियन टेलिविजन टॉक शो में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है और नीला ही वह रंग है जिसे वे सबसे बेहतर ढंग से देख सकते हैं। इसीलिए उन्होंने फेसबुक का रंग नीला रखा है।
जिसे ब्लॉक नहीं किया जा सकता
फेसबुक से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह भी है कि फेसबुक पर एक ऐसा शख्स भी है जिसे कभी भी ब्लॉक नहीं किया जा सकता है। वह प्रोफाइल खुद मार्क जुकरबर्ग की है। फेसबुक पर कोई भी व्यक्ति उन्हें ब्लॉक नहीं कर सकता।
यदि हमारी जान पहचान में कोई किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो हम फेसबुक पर इस बात की रिपोर्ट कर सकते हैं. फेसबुक ऐसी प्रोफाइल्स को एक तरह का स्मारक बना देता है। इस अकाउंट में कोई भी व्यक्ति लॉग इन नहीं कर सकता है। इस तरह के अकाउंट में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता।
फेसबुक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर सेकेंड 5 नए लोग फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाते हैं। फेसबुक पर हर रोज लगभग 30 करोड़ तस्वीरें अपलोड की जाती हैं। हर 60 सेकेंड में 50 हजार कमेंट्स और लगभग 3 लाख स्टेटस लिखे जाते हैं।
फेसबुक ने सितंबर 2004 में वॉल, सितंबर 2006 में न्यूज फीड, फरवरी 2009 में लाइक बटन और सितंबर 2011 में टाइमलाइन फीचर लॉन्च किया।
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