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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Corona Update देशभर में कोरोना के मामलों में गिरावट तो आ रही है लेकिन मौतों के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। इसलिए लोंगों को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि कोरोना खत्म हो गया है। पिछले महीने नवरात्रों से लेकर त्योहारों के दौरान सरकार ने कोविड-19 की जांच में तेजी के निर्देश दिए थे लेकिन इसी के साथ त्योहारों में जांच में कमी सामने आई है जिसका नतीजा यह हो रहा है कि रोज नए पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कम नहीं हो रही है।
वल्डोर्मीटर्स के मुताबिक, देश में शनिवार को 11,680 नए मरीज मिले जबकि 393 मौतें हुईं। एक दिन में इतनी ज्यादा मौतें तब भी हो रही थीं, जब हर दिन करीब 50 हजार मरीज मिल रहे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जांचें नहीं बढ़ाई गईं तो संक्रमित मरीजों का समय रहते पता नहीं लग सकेगा जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है।
दूसरी लहर के बाद से देश में हर दिन औसतन 15 लाख से अधिक जांचें हो रही थीं, कई-कई दिन 20-20 लाख भी नमूने जांचे गए। मगर अक्टूबर आते-आते रोज जांचें औसतन 10 लाख ही रह गईं हैं। देश में शनिवार को भी चौबीस घंटों के भीतर मात्र 8.10 लाख नमूने ही जांचे गए। ध्यान रहे कि जितने ज्यादा सैंपलों की जांच होगी, उतने ज्यादा संक्रमित मरीजों का समय रहते पता लगाया जा सकेगा।
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20 मई को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि सरकार का लक्ष्य है कि जून के अंत तक देश में रोजाना 45 लाख नमूनों की कोविड जांच करने की क्षमता विकसित कर ली जाएगी। उस तारीख में रिकॉर्ड 20.55 लाख कोविड जांचें की गई थीं। फिलहाल सरकार मानती है कि वह हर दिन 20 लाख से कुछ अधिक नमूनों को जांचने की क्षमता रखती है। मगर तय लक्ष्य के चार महीने गुजर जाने के बाद भी देश में हर दिन केवल दस लाख जांचें ही की जा रही हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी साफ निर्देश दिए हैं कि अगर आबादी की तुलना में कम जांच की जाएगी तो इससे संक्रमित मरीज का पता लगाना मुश्किल होगा, जो साफ तौर पर संक्रमण की भयावह स्थिति के लिए निमंत्रण होगा। जांचों के मामले में हमारा देश पांचवें नंबर पर है। इस मामले में डेनमार्क प्रति 1000 आबादी पर रोज सर्वाधिक 1745 लोगों की जांच कर रहा है। इसी तरह इटली, 1220, कनाडा, 863, न्यूजीलैंड 850 और भारत प्रति 1000 आबादी पर 438 प्रतिदिन जांच कर रहा है।
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