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Covid-19: कोविड के नए वैरिएंट्स की वजह से वैश्विक स्तर पर लगातार बढ़ रहा संक्रमण विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट्स की संक्रामकता दर बहुत ज्यादा बताई जा रही है। इसके गंभीर खतरे से बचाव के लिए विशेषज्ञ वैक्सीनेशन को लेकर काफी जोर देर रहे हैं। आज मंगलवार 6 नवंबर को कोरोना संक्रमण से बचाव की दिशा में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानि की डीसीजीआई ने भारत बायोटेक की नाक के जरिए दी जाने वाली कोविड वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। सामने आई रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से भी नेजल वैक्सीन सुरक्षा दे सकती है।
आपको बता दें कि यह नेजल वैक्सीन देश का पहला इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन है। इस वैक्सीन को 18 से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मंजूरी मिल सकती है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि कोविड के खिलाफ देश की लड़ाई में यह एक मजबूत हथियार का काम करेगी। वैज्ञानिकों ने नेजल वैक्सीन्स को लेकर किए अध्ययनों में इसके बहुत प्रभावी होने का दावा किया है। आइए आपको बताते हैं कि अब तक दुनियाभर में दी जा रही वैक्सीन्स से यह कितनी अलग है। साथ ही कोविड के नए वैरिएंट्स के खिलाफ यह कितनी असरदार हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सामान्यतौर पर सार्स-सीओवी-2 जैसे कई वायरस म्यूकोसा के जरिए शरीर में के अंदर आते हैं। जो कि नाक में मौजूद एक ऊतक है। म्यूकोसल झिल्ली में मौजूद कोशिकाओं व अणुओं को वायरस संक्रमित करते हैं। ऐसे में नेजल शॉट की मदद से वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले खत्म किया जा सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इंट्रानेजल वैक्सीन शॉट इम्युनोग्लोबुलिन ए सानि की IGA का उत्पादन करते हैं, जो कि वायरस के प्रवेश की ओर यानी कि नाक में ही मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करके इस वायरस को रोक सकते हैं।
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