संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज), Covid New Variant: दुनिया में एक बार फिर से कोरोना फैलना शुरु हो गया है। भारत में भी कोरोना के केस पैर पसार रहे हैं। ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी है कि, आखिर ये कोरोना का ये नया वायरस क्या है ये कितना खतरनाक है कैसे हमारे शरीर को प्रभावित करता है और इससे बचने का तरीका क्या है, लिहाजा इस रिपोर्ट को ध्यान से समझें।
मई 2023 में भले ही WHO यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कोरोना को ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ की लिस्ट से बाहर कर दिया हो। लेकिन भारत समेत दुनियाभर में इसके संक्रमण का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है। फिलहाल देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 4 हजार 170 के आसपास है। कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव मामले केरल में है… यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 3 हजार 96 के आसपास है। वहीं कर्नाटक 436 एक्टिव केसेज के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 168 केसेज के साथ तीसरे नंबर पर है। दरअसल पिछले कुछ दिनों में भारत, अमेरिका, सिंगापुर, चीन और मलेशिया समेत कई यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस के नए सब वैरिएंट JN.1 का कहर देखा गया है।
जर्नल पेडियाट्रिक में प्रकाशित एक रिसर्च की मानें तो कोरोना की वजह से सिर्फ टेस्ट और स्मेल प्रॉब्लम के साथ ही वोकल कॉर्ड पैरालिसिस का भी खतरा है। यानी आपके गले की आवाज भी जा सकती है। बता दें कि JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक सब-वैरिएंट है। ये कोविड का नया वैरिएंट नहीं है। सबसे पहले दिसंबर 2022 में लक्जमबर्ग में ये वैरिएंट मिला था। इसके बाद ये दुनिया भर में 40 से अधिक देशों में फैल चुका है। JN.1 उसी पिरोलो वैरिएंट से आया है, जो खुद ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकला था। बता दें कि JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन के अन्य सब वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है। एक स्टडी में इस बात का पता चला है कि अगर को व्यक्ति JN.1 सब वैरिएंट से संक्रमित है तो उसके संपर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने की संभावना अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट के मामले में 1.2 गुना ज्यादा है।
देखें पूरा वीडियो…
JN.1 वैरिएंट के लक्षण अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट जैसे ही हैं। इसमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश जैसे लक्षण शामिल हैं। कुछ मामलों में, JN.1 वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति को स्वाद ना आना, स्मेल ना आना और उल्टी या दस्त जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। अगर आपको भी इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत ही किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं।
हालांकि, WHO ने JN. 1 वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की कैटिगरी में रखा है। असल में डब्ल्यूएचओ की ओर से वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में कोरोना वायरस के उस वैरिएंट को शामिल किया जाता है जो ज्यादा खतरनाक नहीं होता है। वहीं वैरिएंट ऑफ कंसर्न में कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा जैसे वैरिएंट को रखा जाता है, जो ज्यादा घातक होता है। WHO ने ये भी कहा है कि मौजूदा वैक्सीन इसमें कारगर है वैक्सीन इसके जोखिम से मरीजों को बचाती हैं। वहीं कई एक्सपर्ट्स ने भी इस की तस्दीक की है कि अभी JN.1 के लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं है और इससे ज्यादा खतरा नहीं है। लेकिन आने वाले समय में इसके और म्यूटेशन देखने को मिलेंगे। हालांकि इस नए सब-वैरिएंट के कारण बड़ी समस्या आएगी इस बात की आशंका काफी कम है।
भारत समेत दुनियाभर में कोरोना संक्रमण का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है। फिलहाल देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 4 हजार 170 के आसपास है। कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव मामले केरल में है… यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 3 हजार 96 के आसपास है। वहीं कर्नाटक 436 एक्टिव केसेज के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 168 केसेज के साथ तीसरे नंबर पर है। वहीं कोरोना वायरस के नए सब वेरिएंट जेएन.1 के मिलने का सिलसिला भी लगातार जारी है। अब तक इस वैरिएंट के 63 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा 34 मामले गोवा में पाए गए हैं। वहीं महाराष्ट्र में नौ, कर्नाटक में आठ, केरल में छह, तमिलनाडु में चार और तेलंगाना में दो मामले सामने आए हैं।
दिसंबर में कोरोना के केस बढ़ते देख ये सवाल उठना लाजिमी है कि हर बार Covid-19 के नए वैरिएंट दिसंबर में ही क्यों आते हैं। दरअसल एक्सपर्ट्स के मुताबिक सर्दियों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन बढ़ते हैं। वहीं सर्दी के मौसम में वायरस ज्यादा एक्टिव होते हैं। इस समय सर्दी और जुकाम होने पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और कोरोना होने पर डॉक्टर के पास जाने से डरते हैं। इस वजह से भी संक्रमण तेजी से फैलता है। वहीं डेल्टा वैरिएंट पर की गई रिसर्च में सामने आया है कि दिसंबर में अक्सर लोग मनोरंजन के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर पहुंचते हैं। जिससे वायरस को फैलने में आसानी होती है। वहीं पूरी दुनिया में क्रिसमस के बाद न्यू ईयर धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसे में महामारी के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
रिपोर्ट- आदित्य चौहान
ये भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.