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इंडिया न्यूज, मुम्बई:
क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान तो जेल से जमानत पर रिहा हो गया है लेकिन इस केस में रोज उतार-चढ़ाव बने हुए हैं। जहां एक ओर एनसीपी नेता नवाब मलिक और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच बम वार जारी है, वहीं इस केस में पिछले दिनों रोज रोज नए खुलासे करने वाली एनसीबी की टीम अब बैकफुट पर नजर आ रही है।
इस केस की जांच अब एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के नेतृत्व में 7 सदस्यों की टीम कर रही है और वह जल्द एनसीबी मुख्यालय को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। बताया जा रहा है कि इस केस में शुरू में एनसीबी की ओर से कई गलतियां सामने आई है जो केस को प्रभावित कर सकती है।
जब से इस केस में स्वतंत्र गवाह रहे प्रभाकर सइल द्वारा आर्यन खान को छोड़ने के बदले में 25 करोड़ की रिश्वत का आरोप लगाया गया है तब से NCB घिरती दिखाई दे रही है। इस केस में NCB की विजलेंस टीम ने जांच शुरू कर दी है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक 2 अक्टूबर को जब कॉर्डेलिया क्रूज पर रेड की गई थी तो इसमें एनसीबी ने बाहरी लोगों का इस्तेमाल किया था, जिस कारण यह एक तरह से प्राइवेट आपरेशन जैसा लग रहा है। इतना ही नहीं, केस में पंचों गवाहों को भी फ्री हैंड दिया गया। इससे NCB के अधिकारी संतुष्ट नहीं है। नवाब मलिक ने भी इन गवाहों को NCB की प्राइवेट आर्मी का नाम दिया है।
इन पर वसूली के खेल में लिप्त रहने का भी आरोप है। विजलेंस जांच में यह भी सामने आया है कि इस रेड में शामिल किरण गोसावी सहित कुछ स्वतंत्र गवाहों ने खुद को NCB का अधिकारी दिखाने का प्रयास कर शाहरुख खान के स्टाफ से रुपए वसूलने का काम किया।
अधिकारियों की माने तो इस केस में कई और खामियां भी सामने आई हैं। FIR लिखने में देरी क्यों हुई। गवाहों के बयान गलत ढंग से लिए गए। स्वतंत्र गवाहों ने आरोप भी लगाया है कि उनसे कोरे कागज पर साइन करवाए गए थे। केस में रेड के बाद जब्त सामाना को अधिकारियों द्वारा सीलबंद करना था लेकिन वह सामान कई बाहरी लोग छूते रहे। सीजर भी गलत ढंग से किया गया। इन सब लापरवाहियों के कारण क्रूज ड्रग्स केस की जांच प्रभावित हो सकती है।
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