India News(इंडिया न्यूज),Cyber Crime: भारत में लगातार रूप से बढ़ रहे साइबर अपराध सरकार के लिए एक चुनौती के तौर पर साबित हो रहा है। जहां साइबर अपराध की साखा ने पिछले तीन साल का रिकॉर्ड साझा किया है जिसमें साफ तौर पर पता चलता है कि, अपराधियों ने करोड़ो का गमन किया है। साइबर अपराध समन्वय केंद्र ( I4C) के द्वारा जारी रिपोर्ट की माने तो 1 अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर 2023 साइबर अपराधियों ने देश में 10,300 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की। हालांकि इस दौरान एजेंसी करीब 1,127 करोड़ रुपये को सफलतापूर्वक ब्लॉक करने में सफल रही।
I4C सीईओ ने दी जानकारी
वहीं इस विषय में जानकारी देते हुए आई4सी के सीईओ राजेश कुमार ने बुधवार को संस्थान के वार्षिक कार्यक्रम में कहा कि, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर तीन साल में 29.74 लाख साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही राजेश कुमार ने कहा कि, जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इसके पोर्टल को हैक करने के लिए साइबर अपराधियों ने प्रति मिनट 16 लाख डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDOS) हमले किए, लेकिन हमने इसे निष्क्रिय कर दिया था।
इन जगहों से ज्यादातर मामले
जानकारी के लिए बता दें कि, इस मामले से जुड़े अपराधियों के बारे में जानकारी देते हुए सीईओे राजेश कुमार ने कहा कि, लगभग 50 प्रतिशत साइबर हमले कंबोडिया, वियतनाम, चीन और अन्य देशों से संचालित होने वाले गिरोह की ओर से किए जा रहे हैं। भारत में जामताड़ा और देवघर से साइबर अपराध को अंजाम दिए जा रहे हैं। पुलिस ने पिछले महीने यहां से 454 लोगों को गिरफ्तार किया था।
लॉन्च किया ये सॉफ्टवेयर
इसके साथ ही राजेश कुमार ने कहा कि, हाल ही में एक नया सॉफ्टवेयर ‘प्रतिबिंब’ लांच किया गया है। इससे राज्य पुलिस को अपने क्षेत्र में सक्रिय साइबर अपराधियों का पता लगाने में मदद मिलती है। पीड़ितों के खातों में राशि बहाल करने में कठिनाइयों के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार एक नई प्रक्रिया तैयार कर रही है। जल्द ही इससे पीड़ितों के लिए अपने पैसे का दावा करना आसान होगा।
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