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India News(इंडिया न्यूज),Dac meeting: आज रक्षा अधिग्रहण परिषद की हुई गुरुवीर तो हुई बैठक में कई सारी चिजों को लेकर जारी प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। जानकारी के लिए बता दें कि, इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। जहां लगभग 7,800 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। जिसमें खरीद में एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की खरीद भी शामिल है। जिसकी जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, डीएसी द्वारा मंजूर प्रस्तावों में 7.62×51 मिमी लाइट मशीन गन और भारतीय नौसेना के हथियार एमएच-60आर हेलीकॉप्टर की खरीद शामिल है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक में करीब 7,800 करोड़ रुपये के खरीद प्रस्तावों के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।
आगे जारी बयान में कहा गया कि, भारतीय वायु सेना की दक्षता बढ़ाने के लिए डीएसी ने भारतीय-आईडीडीएम श्रेणी के तहत एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर पर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की खरीद और तैनाती के लिए स्वीकृति प्रदान की है। जहां ईडब्ल्यू सूट भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से खरीदा जाएगा। इसके अलावा मंत्रालय ने कहा कि, डीएसी ने मशीनीकृत पैदल सेना और बख्तरबंद रेजिमेंट के लिए जमीन आधारित स्वायत्त प्रणाली की खरीद को भी मंजूरी दे दी है जिससे मानवरहित निगरानी, गोला-बारूद, ईंधन और कल-पुर्जों की आपूर्ति तथा युद्ध क्षेत्र में हताहतों की निकासी जैसे विभिन्न कार्यों में मदद मिलेगी।
बयान में आगे पैदल सेना के बारे कहा गया है कि, 7.62×51 मिमी एलएमजी और ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी) की खरीद के प्रस्तावों को भी डीएसी ने मंजूरी दे है। आगे मंत्रालय ने कहा कि एलएमजी के शामिल होने से पैदल सेना बलों की लड़ने की क्षमता बढ़ेगी। बीएलटी के साथ मशीनीकृत बलों की आवाजाही में तेजी आएगी।
मंत्रालय ने कहा कि परियोजना शक्ति के तहत भारतीय सेना के लिए मजबूत लैपटॉप और टैबलेट की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है। ये सभी खरीद केवल स्वदेशी विक्रेताओं से की जाएंगी।बयान में कहा गया है कि भारतीय नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टर की परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए, डीएसी ने हथियारों की खरीद को लेकर स्वीकृति प्रदान की है। वहीं भारतीय वायु सेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से लगभग 100 और एलसीए मार्क1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए ऑर्डर देने की योजना बनाई है।
वहीं मंत्रालय ने ये भी जानकारी दिया कि, अरब डॉलर की कीमत पर खरीदे जाने वाले इन विमानों को मिग-21 लड़ाकू विमानों से बदला जाएगा। इन मेड इन इंडिया विमानों को खरीदने की योजना रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान में हितधारकों को सौंप दी गई है। यह निर्णय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की एचएएल सहित अन्य संबंधित संस्थाओं के साथ स्वदेशी लड़ाकू जेट कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान सामने आया। विमानों में 65 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, अगले 15 वर्षों में भारतीय वायुसेना के पास 40 एलसीए, 180 से अधिक एलसीए मार्क-1ए और कम से कम 120 एलसीए मार्क-2 विमान होंगे। अंतिम बार 83 एलसीए मार्क1ए 83 विमानों का ऑर्डर दिया गया था। पहले विमान की डिलीवरी फरवरी 2024 के आसपास होगी। एलसीए मार्क 1ए तेजस विमान का उन्नत संस्करण है। भारतीय वायु सेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से लगभग 100 और एलसीए मार्क1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए ऑर्डर देने की योजना बनाई है। आठ अरब डॉलर की कीमत पर खरीदे जाने वाले इन विमानों को मिग-21 लड़ाकू विमानों से बदला जाएगा।
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