इंडिया न्यूज:
देश दुनिया में लगभग तीन साल बाद (कोरोना के बाद) भारतीय अर्थव्यवस्था थोड़ी से पटरी पर अभी आना शुरू हुई थी कि देश में फिर से एक समस्या आ खड़ी हुई कोयले की कमी। बता दें इस समय भारत में कोयला कमी के चलते देश के लगभग 13 से ज्यादा राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं। ऊपर से गर्मी के तेवर चरमसीमा पर है।
वहीं बीते अप्रैल माह में भारत में बिजली की मांग 13.6फीसदी बढ़कर 132.98 बिलियन यूनिट पहुंच गई है। पिछले साल देश में बिजली की खपत 117.08 बिलियन यूनिट थी। तो सोचिए ऐसे में जनता पर इसका क्या असर पड़ेगा। आइए जानते हैं इसके बारे में।
इन दिनों देश भीषण गर्मी से जूझ रहा है। इसके चलते बिजली की मांग बढ़ गई है। दूसरी ओर रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा है। ऐसे में दिल्ली, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हिमाचल में कोयले की किल्लत दिखती नजर आ रही है साथ ही इन राज्यों में लोग बिजली कटौती से भी जूझ रहे हैं।
पंजाब में किसान सड़कों पर
हरियाणा में बिजली की मांग 9000एमडब्ल्यू तक पहुंच गई है। इस समय राज्य में 1500 एमडब्ल्यू बिजली की शॉर्टेज है। उधर, पंजाब में 1725 एमडब्ल्यू बिजली की कमी है। पंजाब में पिछले 1 महीने में मांग 33फीसदी बढ़ी है। इसके चलते दोनों राज्यों में बिजली कटौती हो रही है। उधर, फ्री बिजली का वादा कर पंजाब में ‘आप’ सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा। क्योंकि पंजाब में बिजली कटौती के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए हैं।
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