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Delhi: कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग और पश्चिमी रेलवे आवासीय भवन के निर्माण का रास्ता साफ, दिल्ली सरकार ने पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

BY: Mudit Goswami • LAST UPDATED : August 8, 2023, 9:40 pm IST
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Delhi: कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग और पश्चिमी रेलवे आवासीय भवन के निर्माण का रास्ता साफ, दिल्ली सरकार ने पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

Delhi

India News (इंडिया न्यूज़), Delhi: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग के निर्माण कार्य में आ रही बाधा को दूर कर दिया है। सीएम ने मंगलवार को प्रोजेक्ट में बांधक बन रहे 107 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने या हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अशोक रोड पर बनाई जा रही कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग के निर्माण कार्य में अब तेजी आ सकेगी।

इसमें केंद्र सरकार के प्रशासनिक कार्यालय होंगे। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने साइट पर बिल्डिंग निर्माण के चलते प्रभावित 107 पेड़ों को हटाने व ट्रांसप्लांट करने का प्रस्ताव दिया था। बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का कार्य जोरों से चल रहा है और सभी केंद्रीय प्रशासनिक कार्यालयों के लिए एक बिल्डिंग की जरूरत है। इसलिए कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग बनाई जा रही है।

107 पेड़ों का होगा प्रत्यारोपण: दिल्ली सरकार

प्रस्ताव के बारे में दिल्ली सरकार ने कहा है कि संबंधित एजेंसी के रूप में सीपीडब्ल्यूडी सभी 107 पेड़ों का प्रत्यारोपण करेगा और वो किसी भी पेड़ की कटाई नहीं करेगा। सभी पेड़ों का प्रत्यारोपण बदरपुर स्थित एनटीपीसी इको पार्क में होगा। दिल्ली सरकार ने सीपीडब्ल्यूडी से कहा है कि वह साइट पर ट्रांसप्लांटेशन के लिए चिंहित पेड़ों के अलावा एक भी पेड़ को नुकसान न पहुंचाए। यदि स्वीकृत पेड़ों के अलावा किसी अन्य पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा।

प्रत्यारोपण की एवज में 10 गुना पेड़ लगाना अनिवार्य

दिल्ली सरकार ने सीपीडब्ल्यूडी के लिए पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण की एवज में 10 गुना पेड़ लगाना अनिवार्य किया है। इसलिए विभाग पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए चिन्हित स्थल पर 1070 नए पेड़ लगाने के लिए बाध्य है। अब वो एनटीपीसी इको पार्क में 107 पेड़ों का प्रत्यारोपण करने के अलावा 1070 नए पेड़ पौधे लगाएंगे।

सीपीडब्ल्यूडी सात साल तक पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी लेगा

दिल्ली सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, सीपीडब्ल्यूडी सात साल तक पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी लेगा। दिल्ली सरकार के अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार, पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण के बदले में दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए जाएंगे।

पश्चिमी रेलवे के बहुमंजिला आवासीय भवन के निर्माण का रास्ता साफ

इसके अलावा पश्चिमी रेलवे के बहुमंजिला आवासीय भवन के निर्माण पर अटकलें तेज हो रही थी। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने इसका भी रास्ता साफ कर दिया है। जहां, केजरीवाल सरकार ने 96 पेड़ों को हटाने के उत्तर रेलवे के अनुरोध को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट के लिए कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा और सभी 96 पेड़ों को शकूरबस्ती के पास चयनित स्थल पर प्रत्यारोपित किया जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रहित में प्रस्ताव को मंजूरी देकर परियोजना का रास्ता साफ कर दिया। प्रस्ताव को इस शर्त पर मंजूरी दी है कि उत्तर रेलवे योजना के अनुसार 96 मौजूदा पेड़ों का प्रत्यारोपण और 960 नए पौधे लगाएगा।

1.1136 हेक्टेयर क्षेत्र पर किया जाएगा वृक्षारोपण

वहीं इसके एवज में 1.1136 हेक्टेयर क्षेत्र पर वृक्षारोपण किया जाएगा। यह जमीन मादीपुर मेट्रो स्टेशन के पास रामपुरा, शकूरबस्ती और मस्जिद हजरत सैयद भूरेशाह के पास उपलब्ध है। वन विभाग के अधिकारियों ने साइट का निरीक्षण किया और पाया कि दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार 960 पौधे लगाने के लिए यह जगह पर्याप्त है। दिल्ली सरकार ने उत्तर रेलवे से कहा है कि वह साइट पर उन पेड़ों के अलावा एक भी पेड़ को नुकसान न पहुंचाए, जिनकी सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है। यदि स्वीकृत पेड़ों के अलावा किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है तो दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा।

दिल्ली वृक्ष प्रत्यारोपण नीति का करना होगा पालन

दिल्ली सरकार ने उत्तर रेलवे से परियोजना के लिए दिल्ली वृक्ष प्रत्यारोपण नीति 2020 का ईमानदारी से पालन करने और उस पर नियमित प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्यारोपित पेड़ों में से जो जीवित न बचें, उनकी क्षतिपूर्ति के लिए 15 फीट ऊंचाई और 6 इंच व्यास वाले 5 गुना स्वदेशी पेड़ लगाए जाएं। यदि किसी पेड़ पर पक्षियों का घोंसला पाया जाता है तो उसे तब तक काटने या रोपने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि पक्षी उस पेड़ को छोड़ न दें। साथ ही पेड़ों की टहनियों और लकड़ी को कटाई के 90 दिनों के भीतर निकटतम श्मशान में मुफ्त में भेजा जाएगा।

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