संबंधित खबरें
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
India News (इंडिया न्यूज), Delhi High Court: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न्यायाधीशों को बदनाम करने वाले शख्स पर एक लाख का जुर्माना लगाया है। हालांकि अदालत ने दोषी की बिना शर्त माफी स्वीकार करते हुए उसे बरी कर दिया है। उच्च न्यायालय ने अवमाननाकर्ता उदय पाल सिंह पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने प्रतिवादी द्वारा दी गई बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली और उसे अवमानना कार्यवाही से मुक्त कर दिया। पीठ ने 19 जुलाई को पारित आदेश में कहा, “अवमाननाकर्ता ने इस अदालत के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी है, जिसमें कहा गया है कि वह 24 अगस्त, 2022 को उनके द्वारा अपलोड किए गए वीडियो के परिणाम का अनुमान लगाने में असमर्थ था।”
अवमाननाकर्ता ने कहा कि वह वर्तमान कार्यवाही में बर्बाद हुए सार्वजनिक समय की भरपाई के लिए कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए एक लाख रुपये की राशि जमा करने के लिए तैयार और इच्छुक है। पीठ ने निर्देश दिया है कि अवमाननाकर्ता दो सप्ताह के भीतर इस न्यायालय की रजिस्ट्री में एक लाख रुपये की राशि जमा कराए।
यह राशि दिल्ली उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, दिल्ली निर्धन एवं विकलांग अधिवक्ता कोष, बच्चों और निराश्रित महिलाओं के कल्याण के लिए निर्मल छाया और भारत के वीर कोष के खाते में 25-25 हजार रुपये के हिसाब से वितरित की जाएगी।
3 मई, 2024 को उच्च न्यायालय ने उदय पाल सिंह को न्यायालय की अवमानना (Contempt of Court) करने का दोषी ठहराया। उक्त आदेश के अनुपालन में, अवमाननाकर्ता ने एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि 24 अगस्त, 2022 को अपने सोशल मीडिया हैंडल, यानी फेसबुक और ट्विटर पर वीडियो अपलोड करते समय, उसका इरादा न तो इस न्यायालय और न ही न्यायालय के न्यायाधीशों को बदनाम करना था और न ही किसी भी समय न्यायालय की गरिमा को कम करने के लिए उन्हें बदनाम करना था।
उन्होंने कहा कि अवमाननाकर्ता ने वीडियो केवल मामले के चल रहे तरीके के बारे में अपनी राय व्यक्त करने के लिए अपलोड किया था। सुधा प्रसाद ने अधिवक्ता गगन गांधी के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की थी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.