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India News (इंडिया न्यूज़), Delhi High court, दिल्ली: हाईकोर्ट ने 26 राजनीतिक दलों और भारत के चुनाव आयोग को एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर नोटिस जारी किया। याचिका में मांगी की गई थी की विपक्षी दलों को गठबंधन के लिए इंडिया (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) का उपयोग करने से रोका जाए।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की। कार्यकर्ता गिरीश भारद्वाज ने वकील वैभव सिंह के माध्यम से याचिका लगाई थी। भारद्वाज ने अपने मामले में तर्क दिया है कि वे अपने स्वार्थी कार्य के लिए इंडिया के नाम का उपयोग कर रहे हैं। कोर्ट ने तत्काल रोक से इनकार किया। मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
भारद्वाज ने अपनी याचिका के पक्ष में तर्क दिया की इंडिया नाम इस्तेमाल करना 2024 के आगामी आम चुनावों के दौरान शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। याचिका में कहा गया है कि इससे नागरिकों को अनुचित हिंसा का सामना करना पड़ सकता है और देश की कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।
याचिका में कहा गया कि इंडिया नाम का इस्तेमाल नहीं जा सकता क्योंकि यह प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम 1950 की धारा 2 और 3 के निषिद्ध है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने अपने गठबंधन का नाम “हमारे देश के नाम” के रूप में प्रस्तुत किया है और यह दिखाने की कोशिश की है कि एनडीए/भाजपा और माननीय प्रधान मंत्री श्री मोदी हमारे अपने देश के साथ संघर्ष में हैं।
याचिका में आगे कहा गया कि राहुल गांधी के बयान ने आम लोगों के मन में भ्रम पैदा कर दिया है कि आगामी चुनाव गठबंधन (एनडीए) और देश (इंडिया) के बीच लड़ा जाएगा। अदालत को बताया गया है कि याचिकाकर्ता ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को एक अभ्यावेदन (representation) भेजा था, लेकिन ईसीआई द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद उसे अदालत का रुख करना पड़ा।
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