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India News (इंडिया न्यूज), Delhi High Court: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सादिया अनवर शेख की अपील पर एनआईए को नोटिस जारी किया है। सादिया ने आतंकवाद के एक मामले में अपनी 7 साल की सजा को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने एनआईए को हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इस मामले को अन्य संबंधित मामलों के साथ 11 सितंबर को सूचीबद्ध किया गया है।
Delhi High Court issues notice to NIA on appeal by Sadia Anwar Shaikh challenging her 7-year sentence in a terror case.
The High Court has asked the NIA to file an affidavit. The matter has been listed on September 11 along with other connected cases.
— ANI (@ANI) August 27, 2024
जुलाई 2020 का यह मामला है जब NIA ने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) मामले में पांच आरोपियों को हिरासत में लिया था। कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में जिस पुणे की लड़की का जिक्र है, वह आत्मघाती हमलावर बनना चाहती थी और उसे खुफिया एजेंसियों ने दो बार कट्टरपंथ से बचाया था, लेकिन तीसरी बार वह फिर इस ओर मुड़ गई।एनआईए ने चार्जशीट में बताया गया था कि पुणे की रहने वाली सादिया अनवर शेख को एजेंसियों ने पहले 2015 और फिर 2018 में कट्टरपंथियों के चंगुल से बचाया था। लेकिन सादिया तीसरी बार फिर कट्टरपंथ की ओर मुड़ गई, जिसके बाद जुलाई 2020 में उसे इस्लामिक स्टेट से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कई आतंकी संगठनों से संबंध चार्जशीट के मुताबिक सादिया अनवर शेख के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका और अन्य देशों के आतंकी संगठनों आईएसकेपी, आईएसजेके, अलकायदा, अंसार गजवत अल हिंद से संबंध थे। वह 2015 से सोशल मीडिया के जरिए इन लोगों से जुड़ी हुई थी।
एनआईए के मुताबिक, सादिया इस्लामिक स्टेट की ऑनलाइन मोटिवेटर फिलीपींस की करेन आइशा हमीदोन के संपर्क में भी थी। हमीदोन ने भारत के कुछ अन्य युवकों का भी ब्रेनवॉश किया है। वर्ष 2018 में एनआईए के अधिकारियों ने मनीला जाकर हमीदोन से भी पूछताछ की थी। 15 साल की उम्र में बन गई थी कट्टरपंथी वर्ष 2015 में सादिया महज 15 साल की थी और अपने फेसबुक पर काफी कट्टरपंथी बातें और विचार शेयर करती थी।
इसी दौरान एनआईए का ध्यान उस पर गया। सादिया डॉ. जाकिर नाइक को अपना आदर्श मानती है। आपको बता दें कि जाकिर भारत में वांटेड है और फिलहाल मलेशिया में छिपा हुआ है। पुणे एटीएस ने सादिया की काउंसलिंग की और उसकी उम्र को देखते हुए उसे जाने दिया। इसके बाद वह फिर से फर्जी नामों से फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हो गई। वर्ष 2018 में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी उससे पूछताछ की थी। चार्जशीट के मुताबिक पुलिस ने उसे सारी बात समझाकर उसकी मां को सौंप दिया।
वह आईईडी बनाना सीख रही थी और सुसाइड वेस्ट (बम लगे जैकेट) का इंतजाम कर रही थी। उसने अपने आईएस संपर्कों से यह भी पूछा था कि क्या किसी तरह से भारत में कोरोना वायरस फैलाया जा सकता है? एनआईए के मुताबिक वह देश को तबाह करने के लिए महामारी का सहारा लेना चाहती थी, इससे उसकी देश विरोधी सोच का पता चलता है। बता दें कि जिन पांच आरोपियों के खिलाफ बुधवार यानी 28 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें जहांजेब (36), हिना बशीर बेग (39), अब्दुल्ला बासित (26), नबील सिद्दीकी खत्री (27) और सादिया अनवर शेख (20) शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 8 मार्च 2020 को केस दर्ज किया था। बाद में एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया।
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