India News (इंडिया न्यूज), Manish Sisodia: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया शुक्रवार (9 अगस्त) को कथित आबकारी नीति मामले में 17 महीने की सजा काटने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए। जेल परिसर से बाहर निकलते ही सिसोदिया का दिल्ली की मंत्री आतिशी और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जोरदार स्वागत किया। पूर्व उपमुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए तिहाड़ जेल के बाहर बड़ी संख्या में आप समर्थक भी जमा हुए। इस बीच अब खबरें आ रही हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी मनीष सिसोदिया को कई बड़ी जिम्मेदारी सौंपने वाली है। इस बीच लोगों के मन में ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने वाला है। गौरतलब हो कि सीएम केजरीवाल को इसी साल 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। जो कि अभी भी जेल में हैं। अटकलें का बाजार तो गर्म है कि क्या सीएम अरविंद केजरीवार की कमान किसी और को दी जा सकती है।
दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी की मानें तो, मनीष सिसोदिया को मंत्रिपरिषद में शामिल करना आसान होगा। इतना ही नहीं कोई बड़ा फेरबदल भी नहीं किया जाएगा। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस साल अप्रैल में आप के पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद के इस्तीफे देने के बाद मंत्रिमंडल में एक पद पहले से ही खाली है। दिल्ली में मुख्यमंत्री के साथ- साथ अधिकतम सात मंत्री हो सकते हैं।
संविधान के अनुच्छेद 239AA पर नजर डालें तो, दिल्ली मंत्रिमंडल का आकार विधानसभा के सदस्यों की संख्या के 10% से अधिक नहीं किया जा सकता है। ऐसे में दिल्ली विधानसभा में सदस्यों की संख्या 70 हैं। ऐसे में यहां 7 मंत्री ही हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से प्रभावित दिल्ली सरकार का कामकाज फिर से पटरी पर आने की उम्मीद है, बशर्ते उनके पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया को उनके पिछले पद पर बहाल कर दिया जाए, हालांकि इस प्रक्रिया में समय लगेगा, अधिकारियों और संवैधानिक विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह बात कही। पिछले साल 28 फरवरी को इस्तीफा देने से पहले सिसोदिया केजरीवाल के डिप्टी होने के अलावा शिक्षा, वित्त, आबकारी, स्वास्थ्य और पीडब्ल्यूडी समेत 18 विभागों के प्रभारी थे। केजरीवाल की अनुपस्थिति में पूर्व उपमुख्यमंत्री दिल्ली सरकार के कामकाज का जिम्मा संभालते थे।
जब से सिसोदिया जेल से बाहर आए हैं तब से राजनीतिक हलचल भी बढ़ गई। कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि सिसोदिया अगले सीएम का चेहरा बन सकें। 26 फरवरी, 2023 को आबकारी नीति (2021-22) के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी से पहले, सिसोदिया आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली सरकार दोनों में केजरीवाल के अलावा किसी से पीछे नहीं थे।
केजरीवाल और सिसोदिया दोनों की अनुपस्थिति में, एक दर्जन से अधिक विभागों की मंत्री आतिशी वर्तमान में अपने कैबिनेट सहयोगियों सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और इमरान एच के साथ दिल्ली सरकार में को संभाल रही हैं।
इस आग को हवा देने का काम किया है आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक के बयान ने। जब उन्होनें कहा कि “मनीष सिसोदिया हमारे नेता हैं। वे आगे बढ़कर नेतृत्व करेंगे। हमारी सरकार के कामकाज में बाधाएं पैदा की गई हैं। उनकी रिहाई से हमें ताकत मिलेगी और शासन भी मजबूत होगा। पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति आगे की रणनीति तय करेगी।”
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