India News (इंडिया न्यूज़),Delhi Ordinance: राज्यसभा सांसद और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक “पूरी तरह से, वैध रूप से वैध” है और यदि कोई सदस्य असहमत है, तो उसकी अंतरात्मा को स्वतंत्र छोड़ दिया जाना चाहिए।
#WATCH मेरे लिए बिल सही है: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर राज्यसभा सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई https://t.co/MBIA1RFi9b pic.twitter.com/yCikv9yWTD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 7, 2023
बता दें कि लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश के पारित होने के बाद आज इससे राज्यसभा में पेश किया गया। इस पर सदन पर चर्चा की जा रही है। न्यायमूर्ति गोगोई (सेवानिवृत्त), जो उच्च सदन के मनोनीत सदस्य हैं। वहीं विपक्ष की तरफ से चर्चा के दौरान इसे असैवेधानिक बताया जा रहा है।
राज्या सभा में पूर्व संसद न्यायमूर्ति गोगोई (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दिल्ली को विशेष दर्जा प्राप्त है। उन्होंने कहा, “दिल्ली की विधायिका तीन विषयों पर कानून बनाती है और संसद के पास इन तीन विषयों से परे कानून बनाने की शक्ति है।विधेयक बिल्कुल यही करना चाह रहा है। इसलिए, अति करने का कोई सवाल ही नहीं है।” उन्होंने कहा कि कानून बनाने की संसद की विधायी क्षमता विवाद में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लोगों का एक छोटा सा वर्ग है जिनसे आप उनकी अंतरात्मा की आवाज पर अपील करते हैं। मेरे लिए बिल सही है, सही है। मेरी अंतरात्मा मुझसे कहती है कि कुछ करो, मैं करूंगा, लेकिन अगर कोई असहमत है तो उसकी अंतरात्मा को आजाद कर देना चाहिए।,”
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