India News ( इंडिया न्यूज़), Ajit Kumar Srivastava\Delhi Pollution: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार के विंटर एक्शन प्लान एक दिखावा और छलावा है। प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता पर एक शार्ट फिल्म दिखाई गई। पिछले नौ वर्षों से दिल्ली वालों ने देखा है कि केजरीवाल सरकार का एक भी विंटर एक्शन प्लान सफल नही हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण के कारणों एवं उनके समाधान पर ना कोई ठोस स्टडी करवाई है ना ही कोई कार्य योजना लागू की है।
मुख्यमंत्री ने कभी आड ईवन योजना ला कर, कभी लाल बत्ती पर इंजन आफ तो कभी पराली घोल योजनाओं के प्रचार इवेंट तो बहुत किये पर नतीज़ा ‘ढाक के तीन पात’ ही रहा है। सरकार ने सड़कों की धूल उड़ने जैसे वायु प्रदूषण के सबसे बड़े कारण पर कोई काम नही किया है। वीरेन्द्र सचदेवा ने बताया कि दिल्ली की जनता मुख्यमंत्री केजरीवाल से जानना चाहती है कि आज फिर आप कह रहे हैं हमने हाट स्पाट चिंहित किये है, यह सभी स्पाट गत वर्ष भी चिंहित किए गए थे, तो मुख्यमंत्री बतायें इन पर प्रदूषण ए.क्यू.आई. लेवल कम करने के लिए सरकार ने क्या उपाय किया।
सरकार दिल्ली के छोटे से कृषि क्षेत्र में पराली घोल छिड़कने की बात कर रही है। वह बताएँ कि उन्होंने पंजाब मे जलने वाली पराली जो दिवाली के आसपास दिल्ली के प्रदूषण स्तर को खराब करने का सबसे बड़ा कारण बनती है उस पर क्या काम किया। केजरीवाल बताएं वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ लगभग रोज राजनीतिक मीटिंग करते हैं पर उन्होने आखिरी बार पराली को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ कब बैठक की।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार हर साल टीमें बनाती है। साथ ही स्प्रिंकलर लगाने के समोग गन लगाने के दावे करती पर क्या उनके पास कोई इन सबसे होने वाले लाभ पर रिपोर्ट है। केजरीवाल सरकार प्रदूषण पर कितनी गम्भीर है, उसका प्रमाण नई के बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर 2021 मे 20 करोड़ की लागत से लगाया गया समोग टावर है। जो कि लगने के बाद से ही बंद पड़ा है। खुले में कूड़ा जलाने को रोकने पर हर साल दावे होते है पर बदस्तूर कूड़ा खुले मे जलता देखा जाता है क्योंकि ना पहले ना अब केजरीवाल सरकार नगर निगम को कूड़ा कॉम्पेक्टर विस्तार के लियें फंड नही दे रही।
सचदेवा ने बताया कि वायु प्रदूषण कम करने के लिये दिल्ली का फॉरेस्ट एरिया बढ़ाने की जरूरत है। सड़कों किनारे वृक्षारोपण बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन यह दोनों ही काम केजरीवाल सरकार केवल कागज़ों में कर रही ही। फॉरेस्ट एरिया बढ़ाने का दावा इतना झूठा है कि कॉलोनी पार्कों को फॉरेस्ट क्षेत्र मे जोड़ कर आंकड़े का खेल खेला जा रहा है। लाखों पेड़ लगने के दावे कितने खोखले हैं यह तब पता लगा जब सड़कों पर हरियाली दिखाने के लिए जी-20 के दौरान हर सड़क पर पी.डब्ल्यू.डी. को पौधे के गमले रखवाने पड़े।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान GRAP कितना प्रभावहीन रहा है, वह इससे पता चलता है की गत वर्ष भी सरकार के ग्रेएप 1 से ग्रेएप 4 तक लागू करने के बाद भी ए.क्यू.आई लेवल किसी दिन भी 200 से नीचे नहीं गया। समझ से परे है कि ग्रेएप स्तर किस स्टेडी पर आधारित कर घोषित किया जाता है।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली आज शर्मसार है की केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता के कारण दिल्ली देश ही नहीं विश्व का सबसे प्रदूषित शहर माना जाता है। हाल ही मे सामने आई शिकागो विश्वविधालय की रिपोर्ट ने बताया कि दिल्ली के आम नागरिक का जीवन प्रदूषण के कारण दस साल तक घट रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संघ WHO के रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली मे 22 लाख से अधिक बच्चे सांस लेने की गम्भीर बीमारियों से त्रस्त हैं और हों भी क्यों ना क्योंकि केजरीवाल सरकार की विफलताओं के चलते 2017 के 7 नवम्बर को दिल्ली का ए.क्यू.आई. 999 को छू गया था और अब हर वर्ष नवम्बर दिसम्बर मे यह 400 से 500 के बीच जा पहुंचता है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि प्रदूषण के दो बड़े कारणों मे ई वेस्ट एवं कूड़े के पहाड़ हैं। खेदपूर्ण है की कूड़े के पहाड़ों को भाजपा के विरूद्ध राजनीतिक मुद्दा बनाने वाली आम आदमी पार्टी नौ माह से दिल्ली नगर निगम में सत्ता मे हो कर भी इन पहाड़ों पर कोई काम नही कर पाई है बल्कि भाजपा शासन की उंचाई कम करने के कार्य को भी ठप्प कर दिया है।
ई वेस्ट पर चार साल से केजरीवाल केवल ई वेस्ट पार्क बनाने का दावा कर रहे हैं पर जमीन पर कोई काम नही हो रहा। हमारे युवा साथियों प्रवक्ता अजय सहरावत एवं सरदार ज्योतजित सबरवाल ने प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार की पोल खोलती शार्ट फिल्म बनाई है जिसे हम सोशल मीडिया पर प्रसारित करेंगे और आगे भी अभियान चलाएंगे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने घोषणा की कि हमने अपनी पार्टी के स्तर पर प्रदूषण के विरूद्ध जन-जागरण चलाने के लिए और इसके विरूद्ध उपाय सुझाने के लिए टीम बनाने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, दिल्ली मे ग्रेएप लागू होने से प्रदूषण लाभ कम लोगों आर्थिक नुकसान अधिक होता है अतः इस पर हमने अपने महामंत्री कमलजीत सहरावत एवं प्रवक्ताओं डॉ. अनिल गुप्ता और एडवोकेट न्योमा गुप्ता की एक टीम बनाई है जो इसका नियमित अध्ययन करेगी और सुझाव देगी।
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