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India News (इंडिया न्यूज़),Delhi Service Bill: दिल्ली: राज्यसभा में पास हुए दिल्ली सेवा विधेयक पर भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूं क्योंकि यह उनकी जीत है। अब, अधिकारियों पर अरविंद केजरीवाल का डर खत्म हो गया है… बिल 30 वोटों के अंतर से पारित हुआ है। उन्होंने सोचा कि वे गठबंधन के साथ जीतेंगे। राज्यसभा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया गया है। राज्यसभा ने ‘हां-131, ना-102’ के साथ दिल्ली सेवा विधेयक पारित किया।
#WATCH | BJP MP Parvesh Sahib Singh on Delhi Services Bill passed in Rajya Sabha
"I congratulate the people of Delhi as it's their win. Now, the fear of Arvind Kejriwal over officers has ended…The bill was passed with a difference of 30 votes. They thought they will win with… pic.twitter.com/C9NrbCOQ4E
— ANI (@ANI) August 7, 2023
बता दें हाल ही में इस बिल को लोकसभा में पारित किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के विरोध के बाद आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ। उन्होंने (AAP) कांग्रेस के खिलाफ लगभग तीन टन आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और अस्तित्व में आए और आज वे इस बिल के विरोध में कांग्रेस से समर्थन मांग रहे हैं। जिस वक्त यह बिल पास होगा, अरविंद केजरीवाल जी पलट जाएंगे, ठेंगा दिखाएंगे और कुछ नहीं होने वाला।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा,”मैं जो भी करता हूं दिल्ली की जनता उसमें मेरा समर्थन करती है और उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है। भाजपा सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है। वे विकास कार्य में बाधा डाल रहे हैं। वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार जनता उन्हें कोई भी सीट नहीं जीतने देगी।”
गौरतलब है 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला देकर ये साफ कर दिया कि दिल्ली की नौकरशाही पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल है और अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी अधिकार भी उसी का है। प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण और अधिकार से जुड़े मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, दिल्ली की पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर पर केंद्र का अधिकार है, लेकिन बाकी सभी मामलों पर चुनी हुई सरकार का ही अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया था कि पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर बाकी सभी दूसरे मसलों पर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह माननी होगी।ऐसे में केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई , जिसके तहत अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को वापस मिल गया।
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