India News,(इंडिया न्यूज),Delhi Water Crisis: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार रूप से चल रहा जल संकट एक चिंता का विषय बना हुआ है। मामले में दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार भी लगी है। ऐसे में सोचने योग्य बात ये है कि दिल्ली में लगातार चल रहे जल संकट का कारण क्या है? क्या टैंकर माफियाओं का बेखौफ होना एक बड़ी चिंता का विषय है या फिर बढ़ती गर्मी में पानी की बढ़ती मांग को सरकार पूरी नहीं कर पा रही। अगर नहीं कर पा रही तो इसका क्या कारण है? चलिए जानते हैं इस रिपोर्ट में…
दिल्ली में लगभग तीन दशक से ज्यादा समय से चल रहे जल संकट की समस्या अब दिल्ली वासियों के लिए आदत सी बन गई है और ये समस्या गर्मी आने पर जानलेवा भी बन जाती है। मगर सोचने वाली बात ये है कि राष्ट्रीय राजधानी में इतनी पुरानी और भयावह संकट से जनता को निजात क्यों नहीं मिल पा रहा?
लगभग तीन करोड़ की आबादी वाले इस शहर में पेयजल को लेकर संघर्ष की बात करें तो इसका एक बड़ा कारण गर्मी में पानी की बढ़ती मांग, टैंकर माफियाओं की मनमानी और सबसे बड़ा कारण पानी के लिए अपने पड़ोसी राज्य पर निर्भरता है। इसके चलते दिल्ली की जनता आज बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज है।
बताते चलें कि दिल्ली शुरुआत से ही पेयजल की पूर्ति के लिए अपने पड़ोसी राज्य पर निर्भर है, जिसमें दिल्ली को हरियाणा सरकार की तरफ से यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश से गंगा नदी से और पंजाब से भाखड़ा-नांगल और रवि-व्यास नदी से पानी मिलता रहा है। वहीं, बात अगर दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों की करें तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है, जिसमें राजधानी दिल्ली को रोजाना 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत होती है, तो जाहिर सी बात है कि इतनी बड़ी मांग के लिए अगर हम किसी अन्य राज्य पर निर्भर रहेंगे, तो स्थिति बदहाल होनी लाजमी है।
दिल्ली में जल संकट का एक दूसरा सबसे बड़ा कारण है दिल्ली में पेयजल को लेकर हो रही धांधली, जिसमें पानी की चोरी जनता के लिए सर दर्द बनी हुई है। टैंकर माफिया बेखौफ अपनी मनमानी करते है। हालांकि, दुर्भाग्य इसी बात का है कि देश की राजधानी आज भी पेयजल के लिए टैंकर्स पर आधारित है।
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