संबंधित खबरें
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
Demolition of illegal slums in Tamil Nadu
इंडिया न्यूज़, चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में अवैध झुग्गियों को तोड़े जाने के विरोध में कन्नैयन नाम के एक व्यक्ति ने खुद को आग लगाकर अपनी जान दे दी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद सीएम स्टालिन ने कन्नैयन के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कार्रवाई नहीं रुकेगी।
इस मामले में वहां विरोध और राजनीति शुरू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई रोकने से इनकार करते हुए कहा, हमारे आदेशों के अनुरूप अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोके जाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।
बता दें कि चेन्नई में जब अधिकारी बकिंघम नहर के पास गोविंदसामी नगर में अवैध झुग्गियों को हटाने गए थे तो इस कार्रवाई का विरोध करते हुए 60 साल के कन्नैयन ने सभी के सामने खुद का आग लगा ली थी। इसके बाद अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच हाथापाई भी हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप तोड़फोड़ अभियान को रोक दिया गया था।
जल संसाधन विभाग ने यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई से एक दिन पहले की थी। वहां के निवासियों ने इसकी शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि तोड़फोड़ की यह कार्रवाई तमिलनाडु सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी का पालन किए बिना हो रही है।
जिस इलाके में यह कार्रवाई की जा रही थी वहां के निवासियों ने सेमेनचेरी या पेरुम्बक्कम में घर देने की जगह किसी अच्छी जगह की मांग की थी, क्योंकि जिन दो इलाकों का उन्हें विकल्प दिया गया था वो शहर से काफी दूर है।
वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने चेन्नई में 100 झुग्गी बस्तियों को तोड़े जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जहां इन्हें जगह दी जा रही है वो इलाका बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इसलिए इस पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए।
इस पर जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा, हम कल (मंगलवार) इस पर सुनवाई करेंगे लेकिन हम कोई कार्रवाई नहीं रोक रहे हैं। हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि अधिकारी हमारे आदेशों के अनुसार कार्रवाई नहीं करेंगे. अगर हमें लगता है कि दिए गए आदेश में हमारे हस्तक्षेप की आवश्यकता है तो हम देखेंगे।
कॉलीवुड के निर्देशक और दलित अधिकार कार्यकर्ता पा रंजीत ने इसे चेन्नई के लोगों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई बताया। उन्होंने ट्वीट में कहा, ”क्या कोर्ट का आदेश इन लोगों पर लागू होता है? क्या उन्हें शहर से हटाने की एकमात्र योजना है? तमिलनाडु सरकार कब इन लोगों के अधिकारों और भावनाओं का सम्मान करेगी?”
वहीं पीएमके नेता रामदास ने इस कार्रवाई की निंदा की और दावा किया कि कन्नैयन के आत्मदाह के प्रयास के बारे में सुनकर वह स्तब्ध थे। रामदास ने लोगों को झुग्गियों से हटाए जाने के अभियान को तुरंत रोकने की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, “उनके घरों को अतिक्रमण कहकर गिराना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।”
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
यह भी पढ़ें : Prashant Kishor Bihar Mission नीतीश-लालू के तीन दशक के शासन के बावजूद बिहार सबसे पीछे
यह भी पढ़ें : UP Politics : आजम खां बने रहेंगे रामपुर से विधायक, 86 केसों में मिली जमानत
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.