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India News (इंडिया न्यूज), Devendra Fadnavis Eknath Shinde: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने अप्रत्याशित जीत हासिल करते हुए दो तिहाई से ज्यादा सीटों के साथ सत्ता में वापसी की है। इसके बावजूद सरकार बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। जब यह मसला सुलझा तो विभागों के बंटवारे को लेकर मामला अटक गया। महायुति के तीनों घटक दलों (भाजपा, शिवसेना और एनसीपी) ने लगातार बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए इस मसले को भी सुलझा लिया।
रविवार (15 दिसंबर, 2024) को नागपुर में देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार भी हुआ। इन सबके बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच नजदीकियां देखने को मिलीं। वहीं दूसरी तरफ सीएम फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच फिर दूरियां देखने को मिलीं। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए नागपुर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें तीन दर्जन से ज्यादा नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें भाजपा के साथ-साथ शिवसेना और एनसीपी के नेता भी शामिल थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार एक ही मंच पर नजर आए। तीनों एक ही मंच पर नजर आए, लेकिन अलग-अलग जगहों पर बैठे थे। इसके बाद एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
दरअसल, नागपुर में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार के मंच पर सभी दिग्गज मौजूद थे। लेकिन, सबकी नजरें देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार पर थीं। मंच पर सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच दूरियां साफ दिखीं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि देवेंद्र फडणवीस के एक तरफ डिप्टी सीएम अजित पवार बैठे थे। दूसरी तरफ राज्यपाल राधाकृष्णन बैठे थे। एकनाथ शिंदे उनसे कुछ दूरी पर बैठे थे। उनके हाव-भाव भी कुछ और ही इशारा कर रहे थे। आपको बता दें कि, जब सीएम पद को लेकर विवाद बढ़ा तो शिंदे को सामने आकर कहना पड़ा कि वह मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं हैं। इसके बाद वह सबकुछ छोड़कर मुंबई से अपने गांव चले गए।
दलित दूल्हे को घोड़े से गिराया…फिर किया ये काम, मामला जान खौल जाएगा खून
एकनाथ शिंदे से देवेंद्र फडणवीस की दूरी समझी जा सकती है। दरअसल, शिंदे की कैबिनेट में फडणवीस उनके डिप्टी थे। अब ठीक इसके उलट हुआ है। अब एकनाथ शिंदे भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी बन गए हैं। दूसरी तरफ एनसीपी नेता अजित पवार शुरू से ही फडणवीस को सीएम बनाने का समर्थन कर रहे थे। उनके रवैये में कभी कोई बदलाव नहीं आया। वह हमेशा अपने रुख पर कायम रहे।
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