India News (इंडिया न्यूज), Dharmendra Pradhan: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार (22 जून) को कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं NEET और NET में कथित अनियमितताओं को लेकर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी का शीर्ष नेतृत्व जांच के घेरे में है। जबकि उन्होंने CSIR-UGC NET में किसी भी पेपर लीक से इनकार किया, जिसे एक दिन पहले स्थगित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि वह छात्रों के हितों के संरक्षक हैं और कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हें इसे ध्यान में रखना होगा। मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में अनियमितताओं को लेकर मचे घमासान के बीच धर्मेंद्र प्रधान ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह उन लाखों उम्मीदवारों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते, जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संवाददाताओं से कहा कि सीएसआईआर-यूजीसी नेट में कोई लीक नहीं हुआ था। इसे लॉजिस्टिक मुद्दों के कारण स्थगित कर दिया गया था। कल 1,563 नीट उम्मीदवारों की फिर से परीक्षा भी है। सभी जगह परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए यह निर्णय लिया गया। एनटीए की भूमिका की जांच के बारे में पूछे जाने पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि संस्थागत विफलता हुई है। मैंने जिम्मेदारी ली है। एनटीए का शीर्ष नेतृत्व कई तरह के सवालों के घेरे में है। लेकिन मुझे सबसे पहले छात्रों के हितों की रक्षा करनी है। मैं उनके हितों का संरक्षक हूं। इस सप्ताह की शुरुआत में मंत्रालय ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से एक रिपोर्ट मांगी, जो नीट में पेपर लीक के आरोपों की जांच कर रही है।
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Transparent, tamper-free and zero-error examinations is a commitment.
Setting up of the high-level committee of experts is the first of a series of step to improve efficiency of the examination process, put an end to all possible malpractices, strengthen data security protocols… https://t.co/LDUe4udfXY
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 22, 2024
शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एनटीए के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल को अधिसूचित किया। वहीं केंद्र सरकार ने शुक्रवार की रात एक सख्त कानून लागू किया। जिसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है। इसमें अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और ₹ 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है। दरअसल प्रतियोगी परीक्षाओं NEET और NET में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्र आलोचनाओं का सामना कर रहा है।
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