संबंधित खबरें
26 से मनमोहन सिंह का वो गहरा नाता…जन्म से लेकर मृत्यु तक नहीं छोड़ा इस अंक ने अर्द्धशात्र का पीछा, जानें क्या थी कहानी
कहानी से किताब फिर बना विवाद…ऐसे कहलाए 'सिंह इज किंग' आप, आखिर क्यों मनमोहन सिंह को कहा गया 'एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर'?
कैसे ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करने वाले शख्स ने संभाली दुनिया के सबसे बड़े डेमोक्रेसी की बागडोर , पूरी दुनिया में होती है Manmohan Singh के उदार नीतियों की सराहना
श्री मनमोहन सिंह जी के निधन की खबर सुनते ही एम्स पहुंची Priyanka Gandhi, सामने आया सबसे पहला वीडियो
कैसे एक बजट से मनमोहन सिंह ने बचा लिया था देश! इस तरह Manmohan Singh की हुई थी राजनीति में एंट्री
कांग्रेस ने फिर किया वही पुराना वाला कांड? जब BJP ने दिखाई औकात तो अपना सिर पकड़कर नोचने लगे राहुल गांधी!
इंडिया न्यूज़:- देवउठनी एकादशी करीब आ रहा है, इस दिन भगवान् विष्णु अपनी योगमुद्रा छोड़कर संसार का भर संभालने जाग गए थे, इसी दिन मां तुलसी और भगवान् विष्णु के स्वरुप शालिग्राम भगवान का विवाह कराया जाता है जाता है. । मान्यता है कि इस दिन विवाह कराने से कन्यादान करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ-साथ तुलसी संबंधी एक काम करना लाभकारी साबित होगा।इसके साथ साथ हम आपको पूजन की सही विधि अच्छे तरीक से समझाते हैं.
तुलसी विवाह से के पहले पूरा परिवार जल्दी उठकर स्नान लेता है. इसके बाद सभी तुलसी के पौधे के पास पहुंचें. गन्ने से विवाह का मंडप तैयार करें. तुलसी के पौधे के पास एक चौकी स्थापित करें और उस पर भगवान शालिग्राम की मूर्ति स्थापित करें. चौकी पर अष्टदल कमल बनाने के साथ एक कलश रखें. कलश में गंगाजल या शुद्ध जल भरकर उस पर स्वास्तिक का निशान बनाएं. इसके बाद पूजा के लिए धूप, अगरबत्ती व दीप जलाएं और “ऊं तुलसाय नम:” मंत्र का जाप करें.इस दिन जल में थोड़ा सा कच्चा दूध मिलाकर तुलसी के पौधे में चढ़ाना चाहिए। इसके साथ-साथ सिंदूर, रोली, कुमकुम, अक्षत, चुनरी, सोलह श्रृंगार के साथ भोग चढ़ाना चाहिए।
देवउठनी के दिन तुलसी पूजन का विशेष महत्त्व है अगर आप तुलसी विवाह नहीं भी करा पा रहे हैं तो शाम को सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। इसके साथ ही तुलसी नामाष्ठक का पाठ करें। भगवान विष्णु और माँ तुलसी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.