डॉ मोनिका बी. सूद को 'भारत की शान' पुरस्कार से किया गया सम्मानित, महिला सशक्तीकरण के लिए कर चुकी हैं ये काम
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डॉ मोनिका बी. सूद को 'भारत की शान' पुरस्कार से किया गया सम्मानित, महिला सशक्तीकरण के लिए कर चुकी हैं ये काम

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : November 11, 2024, 2:05 pm IST
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डॉ मोनिका बी. सूद को 'भारत की शान' पुरस्कार से किया गया सम्मानित, महिला सशक्तीकरण के लिए कर चुकी हैं ये काम

Dr. Monika B. Sood

India News (इंडिया न्यूज),Dr. Monika B. Sood:डॉ मोनिका बी. सूद 100 साल पुराने नवजीवन समूह की सीईओ, राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष और सामाजिक-आर्थिक विश्लेषक हैं। आयुर्वेद और सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉ मोनिका बी. सूद को ‘भारत की शान’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।विद्वानों के परिवार में जन्मी मोनिका बी. सूद ने स्वास्थ्य सेवा, व्यवसाय और कानूनी अध्ययन में व्यापक शिक्षा प्राप्त की है। इन्होंने जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय और मिशिगन विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, कानून और कैंसर में पाठ्यक्रम पूरा किया है। महिलाओं के लिए प्रगति और महिला सशक्तीकरण के प्रति अपने अटूट समर्पण के साथ, महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, अधिकारों, समानता और सामाजिक वकालत के वैश्विक परिदृश्य परमोनिका बी सूद की पहचान सशक्त है। वैश्विक नागरिक के रूप में, मोनिका बी सूद भौगोलिक सीमाओं को पार कर युवा प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध रही हैं। कोविड महामारी के समय इन्होंने हर्बल उपचारों के माध्यम से असंख्य लोगों की मदद की।

नवजीवन ग्रुप

नवजीवन समूह नवाचार, करुणा और ज्ञान की निरंतर खोज की स्थायी विरासत का प्रमाण है। 1923 में श्रद्धेय महर्षि डॉ. अमरनाथ सूद द्वारा स्थापित, नवजीवन एक ऐसे महत्वपूर्ण क्षण में उभरा, जब दुनिया परिवर्तनकारी बदलाव के मुहाने पर थी और भारत ब्रिटिश शासन की गुलामी से गुज़र रहा था।जैसे-जैसे दशक बीतते गए और नवजीवन की प्रतिष्ठा बढ़ती गई, नेतृत्व की मशाल नई पीढ़ी डॉ. मोनिका बी. सूद के पास आई। डॉ मोनिका ने अपने दादाजी की विरासत को शालीनता और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ाया और इसका विस्तार करते हुए स्वास्थ्य सेवा और उपचार के क्षेत्र में वैश्विक पहचान हासिल की ।

नवजीवन समूह के स्थापक

नवजीवन समूह की स्थापना और इसको आगे बढ़ाने में महर्षि डॉ अमरनाथ सूद ने संत, वैज्ञानिक और विद्वान की भूमिका निभाई।इन्होंने आयुर्वेद पर वर्षों तक अनुसंधान किया, विभिन्न स्रोतों से इसके बारे में ज्ञान के टुकड़े एकत्र करके, धीरे-धीरे इसे एक अद्वितीय और अचूक उपचार शक्ति में परिपूर्ण किया, इसे गतिशील और शक्तिशाली विज्ञान का दर्जा दिया। इन्होंने सामान्य पौधों को जीवन रक्षक दवाओं में बदलने की कला में महारत हासिल की, अब नवजीवन समूह को डॉ मोनिका कुशलता से आगे बढ़ा रही हैं।

राष्ट्रीय एकता एवं सुरक्षा परिषद 

डॉ मोनिका राष्ट्रीय एकता एवं सुरक्षा परिषद (एनयूएससी) की अध्यक्ष हैं, एनयूएससीराष्ट्रीय एकीकरण और वैश्विक शांति के लिए प्रतिबद्ध संगठन है, इसकी स्थापना इनके दिवंगत पिता परमजीत कुमार ने 1984 में की थी। डॉ मोनिका सूद एनयूएससी की अध्यक्ष के तौर पर आर्थिक विकास, और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देते हुए इसके मिशन को आगे बढ़ा रही हैं।

परोपकार और सामाजिक वकालत

अपनी पेशेवर भूमिकाओं से परे, सूद एक उत्साही परोपकारी और सामाजिक न्याय की पैरोकार हैं। उनकी पहल महिलाओं को सशक्त बनाने, स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने और हाशिए पर पड़े समूहों के उत्थान पर केंद्रित है। उनके प्रयास वैश्विक स्तर पर फैले हुए हैं, जो दुनिया में शांति की वकालत करते हैं।

डॉ मोनिका का व्यक्तित्व और कृतित्व

डॉ मोनिका न केवल व्यक्ति को शारीरिक रूप से ठीक होने में मदद करती हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि रोगी मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ हो, ताकि बीमारी के दोबारा होने की संभावना नगण्य हो। इन्होंने 5 साल की उम्र से ही जड़ी-बूटियों, पौधों और दवाओं में रुचि लेना शुरू कर दिया, 18 साल की उम्र में, वह नवजीवन समूह की सबसे कम उम्र की प्रबंध निदेशक बन गईं और तब से वह मानवता के कल्याण के लिए लगातार काम करती रही हैं।
डॉ मोनिका ने उन बीमारियों से निपटने के लिए कई तरह के नुस्खे बताए जो बहुत आम हैं और जिनका पश्चिमी चिकित्सा पद्धति में अभी तक कोई इलाज नहीं है। वह बीमारी को एक ऐसी स्थिति मानती हैं जिसमें इंसान अपने अस्तित्व से अलग होता है। इसलिए उनके लिए इलाज का मतलब है इंसान को उसके सामान्य स्वस्थ रूप में वापस लाना।’

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