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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Due To Monsoon) : मानसून की बेरुखी के कारण रबी फसल की चुनौतियां बढ़ गई हैं। देश के पूर्वी राज्यों में सूखा पड़ गया है। मानसून की बेरुखी और मिट्टी में कम नमी के कारण पूर्वी राज्यों में रबी की खेती बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। इससे निपटने के लिए सरकार समय से पहले ही रबी सीजन की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए सात सितंबर को राजधानी दिल्ली में राज्यों के कृषि मंत्रियों व सचिवों की तैयारी बैठक बुलाई है।
रबी की फसल को लेकर कृषि मंत्रियों व सचिवों की तैयारी बैठक बुलाई गई है। बैठक में कृषि, खाद्य व फर्टिलाइजर मंत्रालय के आला अधिकारी सहित आईसीएआर के वैज्ञानिक हिस्सा लेंगे। रबी के सीजन में खेती की तैयारियों के लिए राज्य अपनी जरूरतें पेश करेंगे।
चालू मानसून सीजन के पहले चरण में पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हुई है। जिसके वजह से खरीफी सीजन की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई है। धान की खेती में बड़ा हिस्सा इन्हीं राज्यों का होता है। यहां सूखे जैसी हालत ने यहां की खेती को पूरी तरह चौपट कर दिया है। धान की रोपाई का रकबा घट गया है। जहां रोपाई हो भी गई है, उनकी उत्पादकता में कमी की आशंका है।
दूसरी ओर उन राज्यों में जहां दलहन व तिलहन फसलों की खेती होती है वहां इस बार भारी बारिश हुई है। इसका नतीजा यह हुआ कि यहां इनकी खेती का रकबा तो घटा ही, उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है। पूर्वी राज्यों में जहां खरीफ सीजन में धान की खेती होती है उनमें से ज्यादातर खेतों में रबी सीजन में गेहूं की खेती की जाती है। बोआई के अभाव में खाली पड़े खेत बारिश के अभाव में सूखे पड़े हैं। इनमें नमी की कमी रबी सीजन की फसलों के उत्पादन प्रभावित कर सकती है।
इन सारी स्थितियों को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने दलहन व तिलहन के बीजों की पर्याप्त आपूर्ति समय से पहले कराना होगा। बैंकों से पर्याप्त ऋण सुविधा, फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड की सहूलियत के साथ अन्य इनपुट उपलब्ध कराने पर जोर देना होगा। मौसम के बदलते मिजाज को ध्यान में रखते हुए समय से पहले किसानों तक तापमानरोधी बीज, फर्टिलाइजर, कीटनाशक और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करानी होगी। सात सितंबर को होने वाले बैठक में इसके लिए राज्यों से सहयोग मांगा जाएगा।
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