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India News (इंडिया न्यूज), ED News, दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने बुधवार (04 अक्टूबर) को आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के घर छापेमारी की। इसके बाद विपक्ष ईडी की कार्रवाही को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है। इससे पहले भी मीडिया से जूड़े संस्थानों, बंगाल, तमिलाडू और बिहार जैसे राज्यों में पार्टियों के नेता और कार्यालयों पर सरकार की ये संस्था एक्शन ले चुकी है। वहीं, ईडी ने कार्रवाही करने के मामले में विपक्ष के सबसे मजबूत नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी नहीं छोड़ा है। अब ऐसे में ED को लेकर कई सवाल विपक्ष खड़े कर रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की इन कार्रवाहियों को लेकर विपक्ष लगातार जांच एजेंसी पर सवाल खड़े करते रहा है। विपक्ष का आरोप है कि इस जांच एजेंसी का इस्तेमाल सरकार अपने पर्सनल राजनीतिक हित के लिए कर रही है। इसे लेकर कई विपक्षी नेता केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक हमले करने और तानाशाही चलाने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि, ईडी पर NDA गवर्नमेंट में ही नहीं, UPA सरकार के समय भी राजनीतिक कठपुतली होने का आरोप लगाता रहा है। आइये जानते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय का सरकार से क्या संबंध है और इसे किन परिस्तिथियों के लिए तैयार किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी एक बहुअनुशासनिक ऑर्गेनाइजेशन है। ये आर्थिक अपराधों (Economic Crimes) और विदेशी मुद्रा (Foreign Currency) कानूनो के उल्लंघन की जांच के लिए भारत सरकार द्वारा बनाई गई है। ईडी की स्थापना 01 मई, 1956 को आर्थिक कार्य विभाग के मामलों में नियंत्रण के लिए की गई। साल 1957 में इसका नाम ‘प्रवर्तन निदेशालय’ रखा गया। आसान भाषा में ये भारत सरकार की एक आर्थिक ख़ुफ़िया एजेंसी की तरह काम करता है।
वहीं, शुरुआत में ईडी वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अंदर काम करता था। लेकिन साल 1960 से ये भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के नियंत्रण में काम करता है।
ईडी को कालाधन के कारोबार में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने का अधिकार है। इसके अलावा अपराधिक कार्यों के जूटाई गई संपत्ती को शील करना का भी अधिकार प्राप्त है। वहीं, ईडी किसी भी पुलिस स्टेशन में एक करोड़ रुपये से अधिक आय अर्जित करने के संबंध में आपराधिक मामले के तहत कार्रवाही करने का अधिकार है। इसके अलावा पैसो की हेरा-फेरी के मामले में भी ईडी संपत्ति की तलाशी, कुर्की और ज़ब्ती का आदेश कर सकता है।
प्रवर्तन निदेशक का प्रमुख मुख्यालय नई दिल्ली में हैं। इसके अलावा ईडी के पांच क्षेत्रीय कार्यालय भी होते हैं। ये जो मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और चंडीगढ़ में स्थित है। हालांकि इन पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के मुख्या निदेशालय दिल्ली में है जो विशेष निदेशक होता है।
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