India News(इंडिया न्यूज),  Arvind Kejriwal: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में जांच एजेंसी ने कहा कि चुनाव प्रचार का अधिकार “मौलिक नहीं” है। दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने से एक दिन पहले आज ईडी की उप निदेशक भानु प्रिया ने हलफनामा दायर किया।

संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं

हलफनामे में कहा गया कि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है। ईडी की जानकारी के अनुसार किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है। भले ही वह चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार न हो। अंतरिम जमानत मांगने के लिए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए ईडी ने कहा कि आप नेता ने पहले भी समन से बचने के लिए इसी बहाने का इस्तेमाल किया था और कहा था कि पांच राज्यों में चुनाव हैं।

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पूरे साल होते हैं चुनाव

ईडी की ओर से यह दलील दी गई कि पिछले तीन वर्षों में लगभग 123 चुनाव हुए हैं। अगर चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है तो कभी किसी भी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता ना ही न्यायिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता था। क्योंकि चुनाव पूरे साल होते हैं।