इंडिया न्यूज, कोलकाता, (Ed Quote) : ईडी ने शिक्षा घोटाले में फंसी अर्पिता मुखर्जी की जान को खतरा है। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि इस समय अर्पिता सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में उन्हें जो भी खाना दिया जाए, उसका जांच करना जरूरी है। हालांकि जांच एजेंसी ने पार्थ चटर्जी को लेकर ऐसा कुछ नहीं कहा। ईडी ने बताया कि पार्थ को उनकी जान का कोई खतरा नहीं है। लेकिन अर्पिता के साथ ऐसा नहीं है। उनकी जान पर खतरा बना हुआ है।
ईडी इस समय अर्पिता और पार्थ की 14 दिन की चाहती है हिरासत
गौरतलब है कि ईडी इस समय अर्पिता और पार्थ की 14 दिन की हिरासत चाहती है। दोनों के खिलाफ जांच के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिनकी कड़ियों का जुड़ना जरूरी है। ऐसे में कई और सवाल दागे जा सकते हैं। उस मांग के साथ ही ईडी ने कोर्ट में बताया है कि अर्पिता मुखर्जी को लेकर ऐसी खबर मिली है कि उनकी जान को खतरा हो सकता है। ईडी ने जोर देकर कहा है कि अर्पिता को जो भी पानी या फिर खाना दिया जाए, उसकी पहले जांच होनी चाहिए। लेकिन ऐसी जान का खतरा पार्थ चटर्जी के लिए नहीं है।
घोटाले का सारा पैसा अर्पिता मुखर्जी के पास से है मिला
वैसे इस समय शिक्षा घोटाले से जुड़ा सारा पैसा अर्पिता मुखर्जी के पास से मिला है। उनके तीन से चार प्रॉपर्टी पर रेड मारी गई है, करोड़ों का सोना जब्त किया गया है, विदेशी करेंसी मिली है। इसी वजह से इस पूरे मामले में उनकी बड़ी भूमिका है और उनकी जान को भी ज्यादा खतरा है। वहीं पार्थ चटर्जी की इस पूरे मामले में उनकी सीधी भूमिका नहीं दिखती है। अर्पिता ने जरूर दावा कर दिया है कि सारा पैसा पार्थ चटर्जी का ही है, लेकिन पूर्व मंत्री लगातार कह रहे हैं कि उन पैसों से उनका कोई लेना देना नहीं है।
अर्पिता मुखर्जी के पास मिले हैं 31 एलआईसी पॉलिसी
ईडी को अर्पिता के पास से एलआईसी की 31 पॉलिसी मिले हैं। उन सभी पॉलिसी में नॉमिनी पार्थ चटर्जी को बनाया गया है। ऐसे में ईडी दावा कर रही है कि पार्थ और अर्पिता एक दूसरे को लंबे समय से जानते थे और हर मामले में इनकी मिलीभगत थी। ये भी खुलासा कर दिया गया दोनों पार्थ और अर्पिता एपीए यूटीलिटी कंपनी में साझेदार थे। अर्पिता ने तो कैश देकर कुछ फ्लैट तक खरीदे थे। अब वो किसका पैसा था, कहां से अर्पिता ने उसका इंतजाम किया, ईडी इसकी जांच कर रही है।
पार्थ चटर्जी की राजनीतिक छवि को पहुंचा है काफी नुकसान
इस मामले की वजह से पार्थ चटर्जी की राजनीतिक छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। किसी जमाने में ममता बनर्जी के सबसे करीबी माने जाने वाले पार्थ की अब ऐसी हालत हो गई है कि सीएम उनका फोन तक नहीं उठाती हैं। गिरफ्तारी के दौरान भी उन्होंने कई बार फोन किया था, लेकिन ममता ने उनसे दूरी बनाए रखी। अब तो मंत्रिमंडल से भी उनका पत्ता साफ कर दिया गया है, पार्टी ने आधिकारिक बयान में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात की है। ऐसे में पार्थ की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं।
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