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Electric Vehicle Fire: पिछले काफी वक्त से इलेक्ट्रिक बाइक या स्कूटी में आग लगने की काफी घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में तेलंगाना के सिकंदराबाद में भी इसी तरह का हादसा हुआ है। जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा चार्जिंग के दौरान ईवी में लगी आग के कारण हुआ है। वहीं सामने आई कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसी कई वजह होती हैं जिनके कारण ईवी में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ ऐसे ही 5 कारण आज हम आपको बताएंगे, जिससे ईवी में आग लग सकती है।
देश के कई हिस्सों में काफी तेज गर्मी पड़ती है। जिसकी वजह से इन जगहों का तापमान काफी गर्म रहता है। इसके चलते दो पहिया वाहनों में भी परेशानी होती है। अधिकतर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर में सीट के नीचे बैटरी को लगाया जाता है। ऐसे में गर्मी में धूप के नीचे वाहन खड़ा होने पर उसका तापमान काफी बढ़ जाता है। जिस वजह से उसमें आग लगने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।
जिन बाइक और स्कूटी में चार्जिंग स्टेशन पर आग लग जाती है। उसमें सबसे बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट ही होता है। बैटरी के जॉइंट टाइट अगर नहीं हो तो फिर ऐसे में शॉर्ट सर्किट की संभावना काफी बढ़ जाती है। बता दें कि 7 किलोवॉट तक के चार्जर का इलेक्ट्रिक टू व्हीलर में उपयोग किया जाता है। जो कि बहुत बार इतना अधिक ताकतवर हो जाता है कि इनके इस्तेमाल से बैटरी में शॉर्ट सर्किट के खतरे की संभावना बढ़ जाती है।
जानकारी दे दें कि इन हादसों की वजह बहुत बार सही चार्जर न इस्तेमाल करने से भी खतरा बढ़ जाता है। वाहनों में कई प्रकार की बैटरियां आती हैं। साथ ही इनके चार्जर की क्षमता भी काफी अलग होती है। ऐसे में आप अगर अपने वाहन में सही चार्जर का इस्तेमाल नहीं करेंगे। तो आपके वाहन की सुरक्षा भी खतरे में आ जाती है।
इलेक्ट्रिक टू व्हीलर में ईंधन के लिए इस्तेमाल होने वाली लिथियम और सामान्य स्कूटर में इस्तेमाल में ली जाने वाली गैसोलिन बहुत ही ज्यादा ज्वलनशील होती हैं। गैसोलिन 210 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान हो जाने पर आग पकड़ लेता है। वहीं लिथियम के वाहनों में 135 डिग्री सेल्सियस तापमान होने पर ही आग लग जाती है।
बैटरी से काफी अधिक गर्मी निकलती है। बैटरी में इसके लिए कवर को अधिक मजबूत होना चाहिए। साथ ही इसमें हीट सिंक का उपयोग करना चाहिए। रिपोर्ट्स के अनुसार, बैटरी का वजन भी ऐसा करने काफी ज्यादा बढ़ जाता है। जिससे एक जगह से दूसरी जगह बैटरी ले जाने में काफी दिक्कत होगी। इस वजह से जानबूझकर इनका वजन कम रखा जाता है।
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