इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Emphasis on environmental protection : राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के बैनर तले आज यहां नदी संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अपने अध्ययन प्रवास के दौरान गंगा, यमुना और नर्मदा नदियों की परिक्रमा करने वाले राष्ट्रवादी चिंतक के एन गोविंदाचार्य ने गो वंश की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गाय और गंगा की स्थिति दयनीय है।
प्रकृति का दोहन करके विकास की ओर बढ़ने का क्रम वास्तव में विनाश की ओर ले जायेगा। इसलिए प्रकृति के साथ तालमेल करके विकास का रास्ता तय किया जाना चाहिए। नदियों की परिक्रमा के दौरान अपने अनुभव को साझा करते हुए गोविंदाचार्य ने कहा कि कुछ संस्थाएं और लोग नदियों को लेकर बेहतर काम कर रहे हैं।
सरकार के स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन समाज की बात समाज से और सरकार की बात सरकार से करेगा।
कार्यक्रम में गोविंदाचार्य ने प्रकृति केंद्रित विकास पर जोर दिया। इस दौरान यह विचार किया गया कि सभी नदियों में हर मौसम में न्यूनतम पर्यावरणीय (पारिस्थितिकीय) प्रवाह सुनिनिश्चित किया जाए।
जल के प्रयोग को लेकर कानून बनाया जाए Emphasis on environmental protection
इस मौके पर राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के कार्यकारी संयोजक सुरेंद्र विष्ट ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सभी नदियों में हर मौसम में न्यूनतम पर्यावरणीय (पारिस्थितिकीय) प्रवाह सुनिनिश्चित किया जाय। साथ ही
सिंचाई, पेयजल आदि के लिए नदियों से निकाले जाने वाले जल की अधिकतम सीमा निश्चित करने का कानून बने।
नदियों को स्वयंसक्षम इकाई मानने और नदियों के अधिकार व्याख्यायित करने के कानून बने। उन्होंने प्रस्ताव में कहा कि नदियों की अपनी जमीन तय की जाय और उसे सरकारी राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जाय। तदनुसार अतिक्रमण की परिभाषा तय किया जाय। Emphasis on environmental protection
नदियों के दोनों तरफ बफर जोन बने Emphasis on environmental protection
नदियों के दोनों तरफ बफर जोन बनाया जाय। गंदे, पानी के निकास के लिए नदियों के दोनों तरफ समानांतर रास्ता बने। इसके अलावा एस. टी. पी. की भूमिका की समीक्षा हो और शोधित जल के उपयोग का लेखा जोखा प्रस्तुत किया जाय। Emphasis on environmental protection
इस मौके पर विश्वराजा पाटिल, पवन श्रीवास्तव ने भी नदियों की दशा और व्यवस्था परिवर्तन को लेकर अपनी राय रखा। देश के कोने कोने से जल पर काम करने वाले लोग भी जुटे हुए थे। ओपन सेशन में सवाल जवाब भी हुआ। जमशेदपुर से निर्दलीय विधायक सरयू राय के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।