संबंधित खबरें
MahaKumbh:महाकुंभ में जाना हुआ महंगा, अचानक सात गुना बढ़ गए टिकटों के दाम, कीमत सुन उड़ जाएगी होश
Viral Video: ट्रेन के टॉयलेट में चाय वाले ने किया ऐसा काम, देख लोगो ने कहा-चाय पीना छोड़ दूंगा
Pushpak Express Train Accident: कैसे काम करता है रेलवे का रेस्क्यू सिस्टम? हादसे वाली जगह पर तुरंत कैसे पहुंच जाता है बचाव दल?
मुगलकाल का सबसे अय्याश बादशाह, जो अपने हरम में रखता था किन्नर, मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली बूटियां खाकर करता था ऐसा काम…
IIT वाले बाबा ने कर ली शादी, चौंका देगा सिंदूर वाला वीडियो, खुद किया अपने जीवनसाथी के नाम का खुलासा
चारों तरफ मौत की चीखें…अधकटी लाशें, जलगांव में ट्रेन से कूदने वालों का हुआ ऐसा हाल, सामने आया खौफनाक वीडियो
India News (इंडिया न्यूज), संत राजिन्दर सिंह जी महाराज, नई दिल्ली: पात्र बनना एक खाली प्याला होने की भांति है। यह जीवन जीने की एक कला है। पात्रता का अर्थ है जो प्रभु हमें दे उसे पाने के लिए हम हमेशा तैयार रहें। यह प्रार्थना की सर्वोत्तम अवस्था है, जिसमें हम किसी वस्तु की मांग नहीं करते बल्कि केवल प्रेम और भक्ति-भाव से जो कुछ प्रभु हमें देना चाहते हैं उसे खुशी-खुशी स्वीकार करते हैं क्योंकि हम जानते हैं जो कुछ हमारे लिए बेहतर होगा परमात्मा हमें वही देंगे।
हम ऐसी प्रार्थना तभी कर सकते हैं जब प्रभु में हमारी श्रद्धा और विश्वास दृढ़ हो। प्रभु के प्रति श्रद्धा और विश्वास का पनपना बहुत ज़रूरी है, यह अनुभव से ही प्राप्त होता है। ज्यादातर हम प्रभु के आशीर्वाद को उसी रूप में पाना चाहते हैं, जिससे हमारी इच्छाएं पूरी होती हों। जब प्रभु का आशीश हमें उस रूप में प्राप्त नहीं होता तो हम इस बात को स्वीकार नहीं करते। कभी-कभी हम ऐसी चीज़ मांग लेते हैं जो हमारे लिए भली नहीं होती या इतनी अच्छी नहीं होती जो प्रभु हमें देना चाहते हैं।
Shani Mantra: शनि देव को इस तरह करें प्रसन्न, मंत्र के उच्चारण से मिलेगा आशीर्वाद
जब हम प्रार्थना किसी वस्तु को पाने के लिए करते हैं, तब हो सकता है कि हमारी प्रार्थना तुरंत स्वीकार हो जाए या फिर अगली बार बिल्कुल स्वीकार न हो। इससे हमारे उदास हो जाने का खतरा बना रहता है। हम प्रभु में आस्था खो देते हैं लेकिन जब हम ऐसी वस्तुओं के लिए प्रार्थना नहीं करते जो प्रभु हमें देना नहीं चाहते, फिर हमारे निराश होने का प्रश्न ही नहीं उठता।
Khatu Shyam: खाटू श्याम जी को भक्त क्यों कहते हैं हारे का सहारा? जानिए इसके पीछे का रहस्य
पात्र बनकर प्रार्थना कर पाने के लिए आध्यात्मिक विकास होना बहुत ज़रूरी है। हमें आध्यात्मिक विकास पाने के लिए किसी अनुभवी महापुरुष के पास जाना होगा। उनके संपर्क में रहते हुए, उनकी दी हुई शिक्षाओं के अनुसार चलकर एवं आत्मिक अनुभव पाकर हमारा श्रद्धा और विश्वास और भी दृढ़ हो जाता है। तब हमें यह भरोसा हो जाता है कि प्रभु हमारे मित्र, शुभचिंतक व रक्षा करने वाले हैं और तब हम स्वयं को प्रभु के हवाले छोड़ देते हैं। ”तेरा भाणा मीठा लागे।“ पात्रता की सर्वोच्च अवस्था है जिसमें हमारा मन शांत होता है और हमारा अहंकार खत्म हो जाता है।
Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी पर करें ये खास उपाय, जल्द होगी शादी और मिलेगी सफलता
प्रभु द्वारा दी गई देनों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए हमें खाली प्याले की तरह विनम्रता अपनानी चाहिये। यदि हम धैर्य और इंतजार करेंगे, तब हम उनसे और भी अधिक प्राप्त करेंगे जितनी कि हमारी कल्पना भी न थी। यदि हम धैर्यवान और शांत होंगे तो हम जान जाएंगे कि प्रभु को पता है कि हमारे लिए सर्वोत्तम क्या है।
Mohini Ekadashi 2024 : इस दिन रखा जाएगा मोहिनी एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.