संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
EPFO Reduced Interest Rate कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस बार नौकरी पेशा लोगों को होली से पहले बड़ा झटका दिया है। संगठन की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने 2021-22 के लिए पीएफ जमा पर ब्याज दर को कम कर 8.10 प्रतिशत करने को मंजूरी दी गई है, यह दर चार दशकों में सबसे कम है। करीब छह करोड़ पीएफ (PF) खातों को इसका नुकसान होगा। केंद्रीय न्यासी बोर्ड की आज ही बैठक हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1977-78 के बाद पीएफ जमा पर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर सबसे कम है। उस दौरान यह दर आठ प्रतिशत होता थी।
सीबीटी के फैसले के बाद नई ब्याज दर सहमति के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजी जाएगी। सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से इसकी अनुमति मिलने के बाद ही ईपीएफओ ब्याज देता है। मार्च 2020 में ईपीएफओ (EPFO) ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत से कम करके 8.5 प्रतिशत की थी।
पिछले वर्ष मार्च में सीबीटी (CBT) ने 2020-21 के लिए पीएफ जमा पर 8.5 प्रतिश याज दर तय की थी। इसके बाद अक्टूबर 2021 में वित्त मंत्रालय ने इसे स्वीकृति दे दी थी। बाद में ईपीएफओ (EPFO) ने फील्ड कार्यालयों को 2020-21 के लिए ग्राहकों के अकाउंट में ब्याज आय को 8.5 प्रतिशत पर जमा करने के निर्देश दिए थे।
2019-20 के लिए पीएफ (PF) ब्याज दर 2012-13 के बाद सबसे कम थी, जब इसे घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया गया था। इसी तरह ईपीएफओ ने 2016-17 में अपने सदस्यों को 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था। 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा थी। संगठन ने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में भी 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से ज्यादा है। 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।
Connect With Us : Twitter Facebook
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.