संबंधित खबरें
महाराष्ट्र का अगला CM कौन? पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में फडणवीस, पवार और शिंदे को दिया संदेश, जानें महायुति में किससे क्या कहा?
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
India News (इंडिया न्यूज़), Landslide: हर साल होने वाली लैंडस्लाइड में न जाने कितने मासूमों ने अपनी जान गवाई है। नेपाल में हुई भूस्खलन में आज ही 63 लोगों ने अपनी जान से हाथ धो बैठे जिनमे से 7 लोग भारतीय थे। कल हुई बदरीनाथ भूस्खलन में भी सड़क किनारें काम कर रहे मजदुरों की जान चली गयी। पिछले कुछ सालों में मानसून के आगमन के साथ ही भूस्खलन से होने की आपदा बढ़ गयी है। आइये आपको बताते है भूस्खलन होने की बड़ी वजह। भूस्खलन या लैंडस्लैड पहाड़ी इलाकों में बेहद आम बात है। भूकंप और बरसात में भूस्खलन होने की संभावना बढ़ जाती है। लैंडस्लैड सरल भासा में पत्थर का खिसकना या गिरना, पहाड़ी मिट्टी का मलबे के तरह बह जाना होता है। पर क्या आप जानते है की लैंडस्लाइड आखिर क्यों होता है और इसके होने में आप और हम एक अहम हिस्सा निभाते है। आपको बताते है इस भूवैज्ञानिक घटना की कुछ ऐसी बातें जो आपको हैरान कर देंगी।
गरबा नाइट से Anant-Radhika की तस्वीरें आई सामने, नई दुल्हन के आए फीकी पड़ी हिरोइने
लैंडस्लाइड एक भूवैज्ञानिक घटना का परिणाम है। भूस्खलन कई प्रकार के होते है इनमे छोटे पत्थरों के टूटने से लेकर बड़ी -बड़ी चट्टानों का पहाड़ से टूटना और मिट्टी का बहाव शामिल होता है। इस गतिविधि का विस्तार कई किलोमीटर तक हो सकता है। अक्सर भूकंप या भाड़ी वर्षा तथा दोनों के साथ में होने पर भूस्खलन हो सकता है जो पहरों में आज एक आम बात है। लकिन इस घटना से अक्सर जान- माल की काफी हानि देखि गयी है। भूकंप और वर्षा तो एक प्राकृतिक गतिविधि है परन्तु भूस्खलन आज मानव गतिविधियों से ज्यादा बढ़ गयी है , जैसे पेड़ और वनस्पतियों को काटना ,सड़क किनारे चट्टान को काटना तथा पानी के पाइप में रिसाव की वजह से भी भूस्खलन हो सकता है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण में होने वाली मानवीय गतिविधियों के कारण होने वाली ग्लोबल वार्मिंग प्राकृतिक घटनाओं की फ्रीक्वेंसी को बढ़ा देती हैं जो लैंडस्लैड को भी ट्रिगर करती है।
कपिल शर्मा शो की Chinki-Minki ने 25 साल की उम्र में खरीदा सपनों का आशियाना, रखा ये नाम
पेड़ और वनस्पतियों की जड़ें मिट्टी को बाँध कर रखती है ताकि बारिश होने पर मिट्टी बह न जाए। परन्तु मानव विकास के लिए पेड़ और वनस्पति को काट कर पर्यावरण का भारी नुक्सान हो रहा है जिसके वजह से उनकी अनुपस्थिति से कारण बारिश के दौरान मिट्टी ढीली पर जाती है और बह जाती है । वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों को काटने वाली भारी मशीन्स की कंपन के कारण पत्थरों में दरार कर देती है जिसके वजह से जब पानी उन दरारों से गुज़रता है तो उन्हें वेदर चेंज के कारन कमज़ोर कर देता है और जब भूकंप आती है तो कमज़ोर चट्टानें टूट के गिर जातें है। इसके अलावा माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, ब्लास्टिंग इत्यादि भी भूस्खलन के अन्य कारणों में से एक है।
छोटे बेटे की शादी के बीच Ambani ने मनाया बड़ी बहु Shloka का बर्थडे, फूलों से सजा दिखा एंटीलिया
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.