इंडियन नेवी के पूर्व ऑफिसर कैप्टन नवतेज सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में वे 10,000 से 20,000 फीट की ऊंचाई पर एरियल फोटोग्राफी करते दिख रहे है. जहां हवा बहुत तेज थी और हालात बहुत मुश्किल थे.
कैप्टन सिंह बताते है कि शूट के दौरान जिस मिलिट्री एयरक्राफ्ट में वे थे. उसे डीप्रेशराइज किया गया था. यानी एयरक्राफ्ट के अंदर हवा का प्रेशर बाहर की हवा के बराबर कर दिया गया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि एयरक्राफ्ट का बड़ा दरवाजा सुरक्षित रूप से खोला जा सके और फोटोग्राफी किया जा सके.
ऑक्सीजन कम, बहुत ज़्यादा ठंड
जैसे ही दरवाजा खुला लगभग 300 नॉट्स या लगभग 555 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवा उनके चेहरे और शरीर से टकराने लगी. हवा इतनी तेज थी कि उन्हें लगा जैसे कोई तूफान सीधे उन पर आ गिरा हो. उन्होंने इस अनुभव को ट्रेन से उतरने जैसा बताया है. लेकिन उससे कही ज्यादा खतरनाक इस तेज हवा में खड़ा होना बहुत मुश्किल था और कैमरा संभालना तो और भी ज्यादा मुश्किल था.
कैमरे का एक बटन दबाना भी एक चैलेंज बन गया था
सेफ्टी के लिए कैप्टन सिंह को प्लेन से पूरे शरीर के हार्नेस एक स्टील कैराबिनर और एक भारी रस्सी जैसे तार से बांधा गया था. इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल कम होता है, इसलिए उन्हें एक्स्ट्रा ऑक्सीजन दी गई. टेम्परेचर भी बहुत कम था, जिससे उनके हाथ सुन्न हो गए थे. जिससे कैमरे के छोटे बटन दबाना भी मुश्किल हो रहा था. एयरक्राफ्ट के शोर, ठंडी हवा और शरीर से टकराती तेज हवाओं के बीच फोटो खींचना एक बहुत बड़ा फिजिकल और मेंटल स्ट्रगल था.
Viral Video
कैप्टन सिंह ने इस पूरे एक्सपीरियंस को “नेचर की ताकत और स्पीड के खिलाफ लड़ाई” बताया है. उन्होंने कहा कि जब प्लेन तेज स्पीड से उड़ रहा था और दरवाज़ा खुला, तो उन्हें लगा कि वह अब फोटोग्राफर नहीं रहे, बल्कि एक छोटा सा पार्टिकल हैं जो तूफान से लड़ रहा है.
हवा इतनी तेज थी कि उनका चेहरा दुख रहा था, उनकी आंखें नहीं खुल पा रही थीं और सांस लेना मुश्किल हो रहा था. फिर भी, उन्हें कैमरा स्टेबल रखना था और सही समय पर शटर दबाना था.
वीडियो वायरल होने के बाद, सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी तारीफ की. एक यूजर ने लिखा कि इसी तरह की कोशिश उनकी फोटो को इतना खास बनाती है. एक और ने मज़ाक में कहा कि उन्हें भी ऐसा ही अनुभव हुआ है, लेकिन उनके कॉन्टैक्ट लेंस उड़ जाते है.