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कोर्ट-कचहरी की थकान से टूटे पंडितजी! कर्नाटक के इस मंदिर में शादी-ब्याह पर लगी रोक

बेंगलुरु का सदियों पुराना हलासूर सोमेश्वर स्वामी मंदिर ने अब शाद‍ियां कराने से तौबा कर ली है. वजह है कि यहां के पंड‍ित अब कोर्ट-कचहरी के चक्‍करों से परेशान हो गए हैं. मंदिर ये फैसला कई सालों पहले कर चुका है, लेकिन ये खुलासा अब हुआ जब एक जोड़ा मुख्‍यमंत्री कार्यालय पहुंच गया.

Written By: Mohammad Nematullah
Last Updated: December 11, 2025 10:33:19 IST

Karnataka Temple News: हिंदू धर्म में शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है. लेकिन हाल के सालों में तलाक (अलग होने) का चलन लगातार बढ़ रहा है. इन सबके बीच कर्नाटक के बेंगलुरु से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको हैरान कर देगा. तलाक के बढ़ते मामलों और कोर्ट से लगातार समन आने की वजह से बेंगलुरु के एक मंदिर के पुजारी ने शादियों पर रोक लगा दी है. यह रोक बेंगलुरु के सदियों पुराने हलसूर सोमेश्वर स्वामी मंदिर में लगाई गई है. यह मंदिर लंबे समय से न सिर्फ पूजा-पाठ बल्कि शादी समारोह के लिए भी पसंदीदा जगह रहा है. इसे शहर के सबसे मशहूर और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक माना जाता है. सालों से सैकड़ों जोड़े यहां शादी की रस्में निभाते थे, लेकिन अब मंदिर मैनेजमेंट ने अपने परिसर में शादियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.

रोक का खुलासा कैसे हुआ?

मंदिर में शादियों पर रोक का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई. उसने आरोप लगाया कि मंदिर प्रशासन ने उसकी शादी कराने से मना कर दिया है. जब मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंदिर से इस बारे में पूछा, तो पुजारियों और प्रशासन ने बताया कि सभी शादी से जुड़ी सेवाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. मंदिर के पुजारियों का कहना है कि वे टूटी हुई शादियों और उनसे जुड़े कोर्ट-कचहरी के झंझटों से पूरी तरह तंग आ चुके है. मंदिर प्रशासन के अनुसार पिछले कुछ सालों में ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिनमें मंदिर में शादी करने वाले जोड़े बाद में अलग हो गए है. इसके अलावा वे वेरिफिकेशन के मकसद से फिर से मंदिर आते थे.

मंदिर में सैकड़ों शादियां होती थीं

मंदिर अधिकारी ने साफ किया कि शादियों पर रोक कोई नया कदम नही है. मंदिर ने करीब सात साल पहले ही शादी समारोह बंद कर दिया था. उससे पहले हर साल परिसर में लगभग 100 से 150 शादिया होती है. प्रशासन का कहना है कि यह फैसला मंदिर की छवि और शांति बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए लिया गया था. यह मंदिर कर्नाटक सरकार के हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के तहत आता है. मंदिर में पूजा- पाठ जारी है. लेकिन शादी समारोह बंद है. बेंगलुरू मंदिर के पुजारियों का कहना है कि सभी धार्मिक अनुष्ठान, प्रार्थनाए और अन्य समारोह पहले की तरह जारी रहेंगे लेकिन शादी समारोह की इजाजत नही होगी.

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