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Explainer: प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर के हत्यारों और भारत सरकार के बीच संबंध का आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के बीच का रिश्ता निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे एक बड़ा भूराजनीतिक विवाद भी छिड़ गया है। आरोपों के बाद विश्व राजनीति में हलचल मच गई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कनाडा के कुछ हिस्सों में खालिस्तानी आंदोलन के गढ़ पर अपना ध्यान केंद्रित कर दुनिया भर में खालिस्तानियों की जांच शुरू कर दी है।
हाल ही में एनआईए की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी गैंगस्टर और चरमपंथी अपना एजेंडा फैलाने के लिए फिल्मों और यहां तक कि देश में प्रमुख फुटबॉल लीग कनाडाई प्रीमियर लीग में निवेश कर रहे हैं। एनआईए ने इस साल की शुरुआत में दायर एक आरोप पत्र में कहा था कि खालिस्तानी चरमपंथी विदेशों में अपने आंदोलन को वित्तपोषित करने के लिए जबरन वसूली रैकेट चला रहे हैं। यही नहीं वे फिल्मों और कनाडाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) में पैसा निवेश करके धन जुटा रहे हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2019 से 2021 के बीच 5 लाख रुपये से 60 लाख रुपये के 13 लेनदेन किए गए, जो ‘हवाला मार्ग’ के माध्यम से जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खालिस्तानी समर्थक गैंगस्टरों और चरमपंथियों द्वारा थाईलैंड में बार और नाइट क्लबों को वित्तपोषित करने के लिए भारत से पैसा भेजा गया था। यही नहीं, जबरन वसूली और अवैध शराब की बिक्री से पैसा इकट्ठा किया जाता था और कनाडा में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और सतबीर सिंह उर्फ सैम को भेजा जाता था।
एनआईए की रिपोर्ट में थाईलैंड लेनदेन के बारे में कहा गया है, “लॉरेंस बिश्नोई गिरोह द्वारा जबरन वसूली, अवैध शराब, हथियार तस्करी के कारोबार आदि के माध्यम से एकत्र किया गया पैसा (गैंगस्टर) वीरेंद्र प्रताप द्वारा हवाला के माध्यम से थाईलैंड में मनीष भंडारी उर्फ काला राणा को भेजा गया था। उसके पिता जोगिंदर सिंह और राजकुमार उर्फ राजू बसोदी को नाइट क्लबों और बार में और निवेश करने के लिए।”
इससे पहले, यह आरोप लगाया गया था कि लॉरेंस बिश्नोई और उसका करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़ कनाडा में खालिस्तान समूहों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वे अवैध मार्गों के माध्यम से भारत से कनाडा धन भेज रहे हैं। गौरतलब है कि जबसे ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि कनाडाई नागरिक और अलगाववादी संगठन खालिस्तानी टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है, तब से कनाडा और भारत के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं।
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