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India News (इंडिया न्यूज), Farmers Protest: किसान और केंद्र सरकार के बीच संघर्ष को हफ्ता भर हो गया है। बीते दिन यानि रविवार को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई। इस बातचीत में केंद्र सरकार ने सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दालों, मक्का और कपास की फसलों की खरीद से संबंधित एक पांच साल की योजना पेश की।
केंद्र सरकार की तरफ से इस बैठक में शामिल हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के एक पैनल ने “आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोच” के बाद किसानों के सामने प्रस्ताव रखा। वहीं गोयल ने बातचीत को “सकारात्मक” बताया और कहा कि किसान नेताओं ने बैठक के दौरान विभिन्न चिंताएं उठाईं। वहीं इस बैठक के बाद किसान नेता ने आंदोलन पर रोक लगाने की बात कही है।
सरकार के प्रस्ताव में एमएसपी पर सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रमुख फसलों की खरीद के लिए पांच साल की योजना शामिल है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “हमने NAFED जैसी सहकारी समितियों को शामिल करते हुए किसानों के साथ पांच साल का अनुबंध किया है। जिसमें मात्रा की सीमा के बिना एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित की जाएगी।”
पीयूष गोयल ने मात्रा की सीमा के बिना एमएसपी के आश्वासन के साथ दालों, कपास और मक्का में विविधीकरण पर प्रस्ताव के फोकस पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह दृष्टिकोण पंजाब की खेती को बचाएगा, भूजल स्तर में सुधार करेगा और भूमि को बंजर होने से बचाएगा, जो पहले से ही तनाव में है।”
केंद्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि चर्चा किए गए कई नीतिगत मामलों में व्यापक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है और उन्हें तुरंत अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी चुनावों और व्यापक नीति समाधानों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ये चर्चाएं जारी रहेंगी।
सरकार के प्रस्ताव के मद्देनजर किसान नेताओं ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। निर्णय से उन्हें अपनी अगली कार्रवाई का निर्धारण करने से पहले नई एमएसपी योजना की गहन समीक्षा करने के लिए दो दिन का समय मिलता है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ”हम 19-20 फरवरी को अपने मंचों पर चर्चा करेंगे और इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेंगे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे.”
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