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किसानों के महासंग्राम के सारथी बने ये 5 'अन्नदाता', ऐन वक्त पर भूल गए मकसद? दिल्ली कूच से पहले क्या होगा अंजाम

BY: Shubham Srivastava • LAST UPDATED : December 6, 2024, 1:11 pm IST
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किसानों के महासंग्राम के सारथी बने ये 5 'अन्नदाता', ऐन वक्त पर भूल गए मकसद? दिल्ली कूच से पहले क्या होगा अंजाम

farmers March To Delhi : किसानों का दिल्ली कूच

India News (इंडिया न्यूज), farmers March To Delhi : यूपी के बाद अब पंजाब के किसान हरियाणा होते हुए दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। आज 1 बजे किसानों का पहला जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर रवाना होगा। इस जत्थे में बड़े किसान नेता भी शामिल होंगे, जिसमें सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह का नाम शामिल है। ये किसान नेता जरूरी सामान लेकर दिल्ली का ओर शांतिपूर्ण मार्च करेंगे। जानकारी के मुताबिक ये जत्था अंबाला के जग्गी सिटी सेंटर, मोहरा अनाज मंडी, खानपुर जट्टन और हरियाणा के पिपली में रुकने के बाद दिल्ली की ओर बढ़ेगा। रोजाना किसान 9 बजे सुबह से शाम 5 बजे तक चलेंगे और रात सड़क पर बिताएंगे।

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इन नेताओं ने बनाई विरोध मार्च से दूरी

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान सभा इस मार्च का हिस्सा नहीं होंगे। ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि SKM इस विरोध मार्च में शामिल नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन के चीफ चढूनी ने कहा,’हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई, इसलिए अब तक हमने किसी भी मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है। हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं। वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

खुफिया एजेंसियों ने किया आगाह

बता दें कि खुफिया एजेंसियों ने किसान आंदोलन को लेकर प्रतिकूल रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों को पैदल मार्च की अनुमति दी गई तो वे रास्ते में उग्र हो सकते हैं। हरियाणा में रोकने पर जगह-जगह पक्का धरना भी लगा सकते हैं जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। अगर उनके पैदल मार्च में हरियाणा के किसान भी शामिल हो गए तो स्थिति और बिगड़ जाएगी। वहीं हरियाणा की गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने किसान नेताओं से सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के समक्ष अपनी बात रखने का आह्वान किया है। कमेटी की रिपोर्ट पर ही आगे नीति बनेगी।

इससे पहले के किसान आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रखी है। शंभू बार्डर पर धारा 163 (पहले धारा 144) के नोटिस चिपका दिए हैं। धारा 163 लगे होने की वजह से पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर रोक रहेगी। पुलिस ने शंभू बार्डर से करीब 500 मीटर की दूरी पर फिर से पक्की बैरिकेडिंग शुरू कर दी है।

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