संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज), Fatehpur Rich History: मुगलों का इतिहास काफी रोचक रहा है। इन्होंने वर्षों तक हमारे देश पर राज किया था। ऐसे में आज हम मुगलों के इतिहास से जुड़े एक जगह की बात करेंगे, जो फतेहपुर में स्थित है। जिसे एकडला के नाम से जाना जाता है। फतेहपुर में विजयीपुर ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर किशनपुर में स्थित एक गांव है। जिसे एक समय में कंचनपुर एकडला के नाम से जाना जाता था।
इस गांव की ऐतिहासिक और काफी प्राचीन दीवारों पर कई गहरे राज छिपे हुए हैं। ये जगह अकबर के मुख्य सलाहकार बीरबल का ननिहाल था। यहां आज भी खोदाई में कई तरह के जेवरात निकलते हैं। एक दौर में यहां मुगलों का प्राचीन बाजार लगता था। जिनके अवशेष आज भी देखने को मिल सकते हैं।
एकडला में मजारों के साथ ऐतिहासिक मंदिर भी है। और ये गांव नदी के तट पर स्थित है। एक समय में ये व्यापारिक केंद्र रहा था। उस समय नदी पार करने के लिए बरगद की एक डाल का इस्तेमाल किया जाता था। जिसकी वजह से इस गांव का नाम एकडला पड़ गया। अगर हम इतिहासकारों की बात करें तो बीरबल के अनुरोध करने पर बादशाह अकबर एकडला गांव आए थे। जब अकबर इस गांव में आए थे तो लोगों ने अकबर के स्वागत में यमुना से गांव तक कालीन बिछा दी थी। जिससे खुश होकर अकबर ने गांव के एक क्षत्रिय परिवार को रावत की उपाधि दे दी थी।
इस देश की लड़कियां होती है सबसे हसीन, एक नजर देख हर किसी का मुंह रह जाता है खुला
एकडला गांव में आज भी दीवारों और खेतों की जुताई के दौरान सोने-चांदी के सिक्के और मुगलों के जमाने की धातुएं मिलती हैं। यहां 16वीं शताब्दी में 7 तरीके का बाजार लगता था। जहां मेवा, मिष्ठान और पशु आदि बिकते थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक 17वीं सदी में एकडला गांव में रहने वाले बंजारे परिवार के साथ-साथ अन्य लोगों ने यहां से पलायन कर लिया था। जिसकी वजह से बस्ती और बाजार खत्म हो गए थे।
इस जगह के पुराने मंदिर, कुएं, तालाब, मजार, दीवारें सभी मुगलकाल की याद दिलाते हैं। यमुना किनारे बसे इस गांव में खुदाई करने में आज भी यहां पुरानी दीवारों के अवशेष और बेशकीमती धातुएं मिलती हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.