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इंडिया न्यूज, हैदराबाद:
Fifty Year Of ICRISAT प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा छोटे किसानों को खतरा होता है और इससे बचाव के लिए सरकार पूरा फोकस कर रही है। उन्होंने शनिवार को आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के पाटनचेरु में स्थित इंटरनेशनल क्राप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फार द सेमी-अरिड टॉपिक्स (ICRISAT) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री ने (ICRISAT) के कार्यक्रम में स्मारक डाक टिकट भी लान्च की। उन्होंने ‘क्लाइमेट चेंज रिसर्च फैसिलिटी आन प्लांट प्रोटेक्शन’ का भी इस अवसर पर उद्घाटन किया।
पीएम ने कहा कि आईसीआरआईएसएटी (ICRISAT) के अनुसंधानकर्ताओं के पास पांच दशक का अनुभव है। पांच दशक में इस संस्थान के अनुसंधानकर्ताओं ने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है। 0 साल एक बहुत बड़ा समय होता है और इस 50 साल की यात्रा में जब-जब जिस-जिस ने जो भी योगदान दिया है, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं।
पीएम ने कहा कि भारत ने वर्ष 2070 तक अपने शून्य कार्बन लक्ष्य (zero carbon target) की घोषणा की है। उन्होंने कहा, हमने प्रो प्लैनेट पीपल मूवमेंट का भी आह्वान किया है। यह ऐसा आंदोलन है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है और प्रत्येक व्यक्ति को जलवायु से जोड़ता है। मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्ष के लिए सरकार ने नए लक्ष्य तय किए हैं और उन पर काम करना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, आईसीआरआईएसएटी के लिए भी अगले 25 वर्ष उतने ही अहम हैं जितने सरकार के लिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा फोकस देश के उन 80 प्रतिशत से ज्यादा छोटे किसानों पर है, जिन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। इस बजट में भी प्राकृतिक खेती (natural farming) और डिजिटल एग्रीकल्चर (digital agriculture) पर काफी जोर दिया गया है। इस बजट में प्राकृतिक खेती और डिजिटल एग्रीकल्चर पर अभूतपूर्व बल दिया गया है। एक तरफ हम मोटे अनाज का दायरा बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं तो दूसरी ओर रसायन मुक्त खेती पर बल दे रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, यह आजादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है। ICRISAT के भी 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं और यह हमें प्रेरणा प्रदान करने वाले अवसर हैं। उन्होंने कहा, हमारे संकल्प को पूर्ण करने का समय है और आने वाले 25 वर्ष के लिए नए संकल्प लेकर चलने का समय है। तोमर ने कहा, एक समय ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया गया था। जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने इसमें ‘जय विज्ञान’ जोड़ दिया और अब पीएम मोदी की पहल के साथ इसमें नया नारा ‘जय अनुसंधान’ जोड़ा गया है।
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