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कौन है एशिया की पहली महिला लोको पायलट? इस तारीख को होंगी रिटायर

Surekha Yadav: सुरेखा यादव एशिया की पहली महिला लोकोमोटिव पायलट 30 सितंबर को रिटायर होने जा रही है.

Written By: shristi S
Last Updated: 2025-09-27 18:08:25

Surekha Yadav First Woman Locomotive Pilot: एशिया की पहली महिला लोकोमोटिव पायलट सुरेखा यादव तारीख सितंबर को अपने भारतीय रेलवे की 36 साल की अद्भुत सेवा के बाद रिटायर होने जा रही है. उनकी यह यात्रा न सिर्फ रेलवे में महिलाओं की भूमिका को बदलने वाली रही, बल्कि उन्होंने आने वाली पीढियों के लिए मिसाल पेश की है. 

कैसे बनी सुरेखा यादव एशिया की पहली लोकमोटिव पायलट?

सुरेखा यादव का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल करने के बाद भारतीय रेलवे में प्रशिक्षित सहायक चालक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. उस समय रेलवे की ड्राइवरिंग लाइन लगभग पूरी तरह से पुरुष प्रधान थी, लेकिन उन्होंने निरंतर प्रयास और लगन से सभी बाधाओं को पार किया.

समय के साथ, सुरेखा यादव ने अनुभव और कौशल के बल पर अपने करियर में उल्लेखनीय प्रगति की. 2023 में उन्होंने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की वह सोलापुर से शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT)  तक वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट बनीं. इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. उनकी सेवाओं और उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के सम्मान भी प्राप्त हुए. उनके योगदान और प्रेरणा को कई लोगों ने सराहा, जिनमें उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी.

मध्य रेलवे ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

मध्य रेलवे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सुरेखा यादव ने 36 वर्षों की सेवा में अनगिनत महिलाओं को प्रेरित किया और यह साबित किया कि कोई भी सपना असंभव नहीं है.

सुरेखा यादव का करियर न केवल भारतीय रेलवे में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरा, बल्कि यह भी दिखाया कि धैर्य, मेहनत और समर्पण के साथ कोई भी बाधा पार की जा सकती है. उनकी यात्रा आने वाले समय में कई युवाओं और विशेषकर महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी.

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